पार्टी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, पांच जनवरी से प्रारंभ होने वाली यात्रा 10 जनवरी तक बांका, भागलपुर, और खगड़िया में रहेगी। इस बीच सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश ने इस यात्रा में शामिल नहीं होने के संकेत दिए हैं। सीएम के इस फैसले से बिहार की राजनीति में एक बार फिर से असमंजस की स्थित बन गई है। अभी दो दिन पहले ही नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि उन्हें प्रधानमंत्री पद की लालसा नहीं है और पीएम को लेकर राहुल गांधी की उम्मीदवारी से भी कोई आपत्ति नहीं है।
इस बीच भारत जोड़ो यात्रा से नीतीश कुमार और जदयू की दूरी को लेकर सियासत तेज हो गई है। सोमवार को नीतीश कुमार ने कांग्रेस की यात्रा को लेकर कहा था कि सभी पार्टी को अपना-अपना कार्यक्रम करने का अधिकार है। भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस पार्टी का अपना कार्यक्रम है। इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है।
पार्टी ने एक लाख लोगों के भाग लेने का किया दावा …
बता दें कि बिहार में पांच जनवरी से भारत जोड़ो यात्रा प्रारंभ होने के पूर्व कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में में एक जनसभा होगी, जिसमें एक लाख लोगों के भाग लेने का पार्टी ने दावा किया है। पांच जनवरी को पहले दिन साढ़े सात किमी की यात्रा तय होगी। भेरा मोड पर बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए यात्रा की शुरुआत होगी। साढ़े सात किमी की यात्रा के बाद पार्टी के पूर्व प्रत्याशी जीतेंद्र सिंह के आवास पर रात्रि विश्राम होगा।
सात जनवरी को बांका से भागलपुर पहुंचेगी यात्रा पदयात्रा…
इसके अगले दिन छह जनवरी को ढ़ाका मोड, चानन नदी, विजय नगर चौक, सर्किट हाउस रोड, गांधी आश्रम, अमरपुर रोड, सामुखिया मोड होते हुए सार्वजनिक इंटर कालेज सर्वोदय नगर, बांका में रात्रि विश्राम करेगी। सात जनवरी को बांका के अलग-अलग स्थानों से होते हुए यात्रा 21 किमी की दूरी तय करते हुए भागलपुर बार्डर पहुंचेगी। जहां दोनों जिलों के अध्यक्ष ध्वजा का आदान-प्रदान करेंगे।
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