लोकसभा चुनाव 2024 रण में बिहार फतह की तैयारी शुरू… सबके अपने-अपने दाबे सबके अपने-अपने मत…. कही समाधान यात्र ,कही भारत जोड़ो यात्रा तो कही बयानी जंग…

लोकसभा चुनाव 2024 रण में बिहार फतह की तैयारी शुरू हो गई है। सीएम नीतीश कुमार बिहार में समाधान यात्रा पर निकल रहे हैं। इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार के वैशाली में चुनावी बिगुल फूंक दिया है। 2024 के रण में अपनी फतह के लिए दोनों ओर से तैयारी शुरू हो गई है। बीजेपी बिहार फतह के लिए लालू के ‘माय’ (मुस्लिम-यादव) समीकरण को साधने में लगी है। वहीं, आरजेडी अपने इस परंपरागत वोट को दरकने नहीं देना चाह रही है।  बीजेपी अब लालू के इस समीकरण को ध्वस्त करने के लिए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, बिहार सरकार में पूर्व मंत्री नंद किशोर यादव और लालू प्रसाद के हनुमान कहे जाने वाले बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव को लगाया है।

MY वोटों पर बीजेपी की नजर….

बीजेपी के सीनियर नेता जानते हैं कि बिहार फतह के लिए लालू प्रसाद यादव की सियासी विरासत में सेंधमारी करना जरूरी है। यही कारण है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के मुस्लिम बहुल क्षेत्र सीमांचल में अपनी सभा कर पार्टी के नेताओं को मंत्र दिया था कि जब हम बंगाल में मात्र दो सीट से 73 सीट हासिल कर सकते हैं। असम में अपनी सरकार बना सकते हैं तो बिहार क्यों नहीं फतह कर सकते हैं। उन्होंने पार्टी नेताओं से तब कहा था कि बिहार फतह के लिए जरूरी हुआ तो प्रतिमाह बिहार आएंगे।

इसके बाद से ही बीजेपी ने 2024 के रण के लिए बिहार में अपनी सक्रियता बढ़ा दी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को बिहार के यादवों को अपने पाले में करने के लिए लगा दिया। नित्यानंद राय उसी राह पर चल भी रहे हैं। पूरी प्लानिंग के तहत वो बिहार में आक्रमक यादव नेता के रूप में हमला कर रहे हैं। अपने बयानों को वो अपनी जाति से कनेक्ट करना भी नहीं भूल रहे हैं। इसको लेकर कई बार तेजस्वी यादव और नित्यानंद राय आमने सामने भी हो गए है। राजनीतिक गलियारे में तो इसकी चर्चा भी तेज है कि नित्यानंद और तेजस्वी यादव के बीच 36 का आंकड़ा है।

नित्यानंद यादवों से इस तरह कर रहे कनेक्ट….

राजधानी पटना में 25 अगस्त 2022 को राजद नेताओं के ठिकाने पर सीबीआई की रेड हुई थी। तेजस्वी यादव ने इसको लेकर इशारों में ही केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय पर हमला करते हुए कहा था कि बिहार कोटे से केंद्र में एक केंद्रीय मंत्री हैं। जिनका सीएम बनने का सपना टूट गया है, वो यहां-वहां कर रहे हैं, वो लाइन पर आ जाएं। तेजस्वी यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि बिहार के सांसद जो केंद्र में मंत्री हैं वो बिहार में ज्यादा ख्वाब न देखें। उन्हें दिल्ली वाले नहीं बचाएंगे। क्योंकि ये बिहार है।

तेजस्वी के बयान को नित्यानंद ने अपनी जाति से कनेक्ट करते हुए कहा कि ‘आओ दोनों लोग भैंस का दूध निकालते हैं जो जल्दी भैंस दुहेगा, वो जीत जाएगा और जो दूध दुहते-दुहते ठंडा हो जाएगा वो हार जाएगा’। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि जरूरत पड़ेगी तो तेजस्वी से पटना पूछने चलेंगे कि वे ठंडा करेंगे या भैंस उन्हें ठंडा कर देगी। गाय-भैंस का दूध निकालना कठिन काम है। जो ज्यादा दूध दुहेगा वो जीत जाएगा, जो कम दुहेगा वो ठंडा हो जाएगा। वैसे हम तो ठंडा आदमी हैं। नित्यानंद राय अक्सर अपने इस प्रकार के बयान से अपनी जाति के लोगों को कनेक्ट करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ते हैं।

गठबंधन टूटने के बाद एक्टिव मुड मे  बीजेपी….

बिहार में नीतीश कुमार से गठबंधन टूटने पर बीजेपी एक्टिव हो गई है। बीजेपी ऐसा कोई अवसर नहीं छोड़ना चाह रही है। यही कारण है कि बीजेपी की ओर से कहा जा रहा है कि बिहार जंगल राज की ओर बढ़ रहा है। हर घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। बिहार में हो रही हत्या, दुष्कर्म, डकैती पर सवाल कर रहे है और गठबंधन में नीतीश कुमार के साथ रहते हुए जो काम हुए उसपर श्रेय लेने का कोई अवसर अपने हाथ से जाने नहीं देना चाह रहे हैं। बीजेपी नेता कहते हैं कि नीतीश कुमार जब बीजेपी के साथ थे, तब यहां विकास हो रहा था। सड़कें और रेलवे लाइनें बनीं, ग्रामीण इलाकों में लोगों को 24 घंटे बिजली मिलने लगी। यह सब बीजेपी के कारण हुआ। केंद्र सरकार ने बिहार को आगे बढ़ाया है। बिहार में जो विकास हुआ उसमें केंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही। बिहार में जो भी विकास हुआ है, सब नरेंद्र मोदी सरकार के कारण हुआ है।

इसपर नीतीश कुमार भी पलटवार करने से पीछे नहीं हैं। वो अपने काम को बीजेपी को लाभ देने के मूड में नहीं है। यही कारण है कि वो बीजेपी से पूछते हैं कि पीयू को सेंट्रल विश्वविध्यालय बनाने से किसने रोका? बिहार को अब तक विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिला? केंद्र पर बिहार का जो पैसा बाकी है वो क्यों रोका गया? ऐसे तमाम सवाल पर वो बीजेपी का पोल खोलने में लगे हैं।

इधर, तेजस्वी भी बीजेपी से सवाल कर पूछना नहीं भूलते हैं कि आखिर वो कौन सी ऐसी छड़ी है जिसके कारण बीजेपी के साथ रहने पर सारे पाप खत्म हो जाते हैं। राज्य में सुशासन कायम हो जाता है और दूसरे के पास सत्ता आने के साथ ही प्रदेश में जंगल राज कायम हो जाता है। बहरहाल, नए साल में बिहार फतह के लिए दोनों ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। देखना यह दिलचस्प होगा कि कौन यह रण जीतता है।