बालू खनन में 15 कंपनियों को विस्तार, 28 ने किया इंकार, प्रशासनिक असहयोग या अवैध खनन – जानिए क्या है मामला

आरा (भोजपुर)। पीला सोना यानी बालू अब अधिकांश कंपनियों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है। मालूम हो कि 31 मार्च के बाद खनन में लगी कंपनियों को समानुपातिक दर पर दो महीने के विस्तार की अनुमति प्रदान की गई थी। जिले में खनन में लगी 43 कंपनियों में से केवल 15 कंपनियों ने ही आगे बालू खनन में दिलचस्पी दिखाई।

तीन महीने पहले खनन का काम शुरू करने वाली 28 कंपनियों ने आगे खनन में न तो रुचि दिखाई और न ही दो महीने के खनन अधिकार के लिए फीस जमा की। इससे दो महीने में बालू से होने वाली आय में जिले को लगभग 60 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। जिला खनन पदाधिकारी आनंद प्रकाश ने बताया भोजपुर जिले में बालू खनन के लिए विभिन्न 15 कंपनियों को विस्तार मिला है। विस्तार मिली कंपनियां मई तक बालू खनन करेगी। अन्य 28 कंपनियों ने विस्तार के लिए समानुपातिक राशि जमा नहीं की। गुरुवार तक राशि जम करने की अंतिम तिथि थी। जबकि, गत दिसंबर में 43 कंपनियों ने बालू उत्खनन के लिए तीन माह का बंदोबस्ती कराया था। पिछली बार विभिन्न घाटों पर 43 कंपनियों की बंदोबस्ती से सरकार को 114.98 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई थी। इस बार विस्तार से करीब 55 लाख रुपये की आय हुई है। यदि सभी कंपनियां खनन में रुचि दिखातीं तो आय में दो गुना इजाफा हो सकता था।

ब्राडसन कंपनी ने भी बालू खनन से खड़े किए थे हाथ

बालू खनन से 28 कंपनियां ही नहीं, बल्कि ब्राडसन कंपनी भी हाथ खड़े कर दिए थे। दरअसल, दबंगई और भ्रष्टाचार की बुनियाद पर टिके बालू खनन में नई पीढ़ी की प्रोफेशनल कंपनियां फिट नहीं बैठ रहीं हैं। प्रशासनिक असहयोग और बालू घाटों पर अवैध खनन से तंग आकर ब्राडसन जैसी बड़ी कंपनी ने एक मई 2020 को खनन बंद कर दी थी। कमोवेश यही हाल फिलहाल इन 28 कंपनियों की है। प्रशासनिक असहयोग के कारण अवैध खनन धड़ल्ले से चलता रहा। इससे छोटी पूंजी वाली कंपनियां घाटे में चली गईं। 15 कंपनियां जिनके पास पूंजी अधिक है, विस्तार के लिए राशि जमा की है। इस आशा में कि अब कम बालू घाटों पर खनन होगा, तो बालू की ऊंची कीमत मिलेगी और पूर्व के घाटे की भरपायी हो जाएगी। 31 मार्च की रात 12 बजे के बाद बंद 15 बालू घाटों पर खनन शुरू हो गया है।

निम्न घाटों पर शुरू हुआ है खनन

सारीपुर बचरी, न्यूहरीपुर, महुई, हरिपुर व सदसीपुर, लोदीपुर, ननौर, फरहंदपुर, नारायणपुर, चिल्लौस-1, चिल्लौस-2, नारायणगंज, बाघाबीघम चक, खनगांव आदि।