बिहार विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकार कोटे के 24 सीटों का आया नतीजा, जानिए कहां किसने मारी बाजी।

बिहार विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकार कोटे की 24 सीटों के चुनाव में एनडीए के खाते में सबसे ज्यादा सीटें आयी हैं। गुरुवार को हुई मतगणना में एनडीए ने 13 सीटें हासिल की हैं। जबकि छह सीटों पर राजद ने कब्जा जमाया।

एनडीए और राजद में सीट बंटवारा


एनडीए में भाजपा को सात, जदयू को पांच और पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाली रालोजपा को एक सीट मिली है। वहीं, राजद से अलग होकर चुनाव लड़ रही कांग्रेस ने एक सीट खगड़िया-बेगूसराय पर जीत हासिल की। वहीं चार सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत हुई। भाजपा ने 12 और जदयू ने 11 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किये थे। राजद ने 23 सीटों पर खुद लड़ा और एक सीट भाकपा को दी थी।

कहां किसका रहा जलवा


दूसरी बार जीत हासिल करने वालों में भोजपुर-बक्सर से राधाचरण साह, सारण से सच्चिदानंद राय, रोहतास-कैमूर से संतोष कुमार सिंह, नालंदा से रीना यादव, कटिहार से अशोक कुमार अग्रवाल आदि प्रमुख हैं। मुजफ्फरपुर सीट से जदयू के दिनेश सिंह चौथी बार जीते हैं। वैशाली सीट पर राजद को झटका लगा है, जहां से रालोजपा के भूषण राय ने जीत दर्ज की है।

प्रतिष्ठित सीटों पर राजद ने किया कब्जा।


पटना की प्रतिष्ठित सीट पर राजद के कार्तिक कुमार ने जीत हासिल की है। खास बात यह कि यहां एनडीए प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे। निर्दलीय प्रत्याशियों ने सारण, मधुबनी, पूर्वी चंपारण और मधुबनी में जीत हासिल की। सहरसा-मधेपुरा सीट पर दूसरी वरीयता के मतों की गिनती के बाद परिणाम घोषित किये गये।

भाजपा को चार सीटों का नुकसान, तो राजद को दो सीटों का लाभ

इस चुनाव में भाजपा को 2015 की तुलना में चार सीटों का नुकसान हुआ है, जबकि जदयू को पिछले चुनाव के जैसे ही परिणाम प्राप्त हुए हैं। राजद को इस चुनाव में दो सीटों का फायदा हुआ है। वर्ष 2015 में भाजपा के खाते में सर्वाधिक 11 सीटें आयी थीं। जदयू के खाते में पांच, तो राजद के हिस्से में चार सीटें आयी थीं।

वर्ष 2015 का चुनाव परिणाम


वर्ष 2015 में कांग्रेस के एक प्रत्याशी को जीत मिली थी, जबकि लोजपा प्रत्याशी ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी। दो स्थानों पटना और कटिहार में निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। मालूम हो कि पिछले चुनाव में राजद, जदयू व कांग्रेस महागठबंधन के तहत एक साथ चुनाव लड़ा था, जबकि भाजपा और लोजपा एक साथ थीं।