परशुराम जयंती पर जुटे देश के कई दिग्गज, समाज के उत्थान के लिए बनी स्ट्रेटजी।



सार

• परशुराम जयंती को किया जाए राजकीय छुट्टी घोषितः ब्रह्मर्षि समाज
• 38 जिले में गरीब सवर्ण बच्चों के लिए परशुराम छात्रावास का निर्माण कराया जाए।
• महापुरुषों की जीवनी की तरह भगवान परशुराम की जीवनी को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए

विस्तार

पटनाः भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी के जन्मोत्सव पर भूमिहार-ब्राह्मण एकता मंच फाउंडेशन के तत्वाधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बैंड-बाजा, हाथी-घोड़ा के साथ सैकड़ों गाड़ियों के काफिलों के साथ शोभा यात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा पंचरूपी हनुमान मंदिर राजवंशी नगर (बेली रोड) से इनकम टैक्स गोलंबर होते हुए बापू सभागार परिसर पहुंची। बापू सभागार में आयोजित कार्यक्रम में समाज से सभी सदस्यों ने हिस्सा लिया। जहां कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन बीच-बीच में चलता रहा जिससे लोगों का मनोरंजन भी हुआ। जबकि समाज की एकता और अखंडता को लेकर फाउंडेशन के द्वारा समाज के आमंत्रित अतिथियों, सदस्यों ने जमकर सराहना की, साथ ही इस आयोजन के द्वारा भूमिहार- ब्राह्मण एकता मंच के सदस्य सामूहिक तौर पर एकजुट होकर अपनी समूह शक्ति का एहसास कराने में सफल रहे।


इस कार्यक्रम का के मुख्य अतिथि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व मंत्री श्याम रजक, अयोध्या से पधारे स्वामी प्रेम दास जी, स्वामी केशवानंद जी, डॉ. सहजानंद सिंह जी, स्वामी अशुतोषानंद जी महाराज महामंडलेश्वर जी ने दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रुप से किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अध्यक्षता करते हुए भूमिहार-ब्राह्मण एकता मंच फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी के जन्म को लेकर मान्यता है कि वे वैशाख माह के शु्क्ल पक्ष की तृतीया तिथि को जन्में थे। परशुराम जी हनुमान जी की तरह आज भी जीवित देवताओं में से एक माने जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने परशुराम के रूप में अपना 6वां अवतार लिया था। इसी वजह से इस दिन अक्षय तृतीया के साथ परशुराम जयंती आयोजित की जाती है।

इस मौके पर संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि भूमिहार-ब्राह्मण की उपेक्षा अच्छी बात नहीं है। साथ मिलकर ही समाज का विकास संभव है। आगे श्री तेजस्वी ने कहा कि बिहार में सरकार नहीं बल्कि सर्कस चल रहा है। बिहार सरकार को किसी विकास से मतलब नहीं है। बिहार के विकास से कोसों दूर होकर सरकार चल रही है। यहां किसी का कोई सम्मान नहीं रह गया है।


भूमिहार-ब्राह्मण एकता मंच फाउंडेशन के संस्थापक आशुतोष कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज हमारे समाज के युनाइट नहीं रहने की वजह से हमे राजनीति में उचित स्थान नहीं मिल पा रहा है। समाज के लिए हमारा समाज हमेशा आवाज उठाने का काम करता है। इस संस्थान का मुख्य उदेशय समाज को संगठित करना और अपने समाज के लोगों के लिए उत्थान की दिशा में काम करना है, जिस प्रकार सभी धर्म, समुदाय के लिए विशेष दिन राजकीय छूट्टी का प्रावधान सरकार द्वारा किया गया है उसी प्रकार परशुराम जी के जन्मदिन पर 3 मई को राजकीय छूट्टी की घोषणा की जाए। 38 जिले में गरीब सवर्ण बच्चों के लिए परशुराम छात्रावास का निर्माण कराया जाए। महापुरुषों की जीवनी की तरह भगवान परशुराम की जीवनी को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। इन सारी मांगो पर सरकार कदम उठाती है तो भूमिहार समाज का सम्मान माना जाएगा। इतिहास गवाह है कि समाज की विभिन्न कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले भूमिहार समाज की जो अपनी उपयोगिता है उसका लाभ सभी राजनीतिक दल समय-समय पर लेते रहते हैं। हम उनके लिए अपने जान तक की बाजी लगा देते हैं, मगर जैसे ही कोई बेहतरी की बात होती है तो भूमिहार समाज को दरकिनार कर किसी और को स्थान दे दिया जाता है। जिससे क्षुब्धता हमारे समाज में बरकरार रहती है। हमारे समाज के कई लोगों के मन में ये आता है कि हम एक जगह इकट्ठा होकर समाज की बात करते हैं और आगे चलकर राजनीतिक महत्वाकांक्षा के पूरा होने के साथ ही समाज को ही गौण कर देते हैं। इस बात में भी दम है मगर हम उनलोगों से यह कहना चाहेंगे कि समाज में जो आगे बढ़ जाते हैं कम से कम वो पीछे जो समाज के छूट जाते हैं जिस लायक हैं उन्हें भरपूर सहयोग कर स्थान दिलाने का काम करें।


फाउंडेशन के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अंकित चंद्रायण ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम को करने का उद्धेश्य है कि भूमिहार-ब्राह्मण समाज को राजनीति तथा अन्य क्षेत्रों में जो उपेक्षा की जा रही है उसको बंद किया जाए। हम अपने समाज के लोगों से आह्वान करते हैं कि जब हम समाज में किसी को बढ़ा सकते हैं तो हमें नेतृत्व करने में किस बात का परहेज है।


वहीं भूमिहार-ब्राह्मण एकता मंच फाउंडेशन की सदस्य प्रीति प्रिया ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैं एक नारी हूं और जब नारी जागृत होती है तो समाज को उचित दिशा मिलती है। हमने भी प्रण किया है कि जब तक हमारे समाज को उचित सम्मान नहीं मिलेगा हम जनजागरण अभियान चलाते रहेंगे। समाज के सभी युवाओं से आग्रह करती हूं जहां जिनको जगह मिले अपनी ईमानदार कोशिश से समाज के लिए काम करते रहेंगे। इस मौके पर आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.सहजानंद, पूर्व विधायक उषा विद्यार्थी सहित हजारों गणमान्य व्यक्तियों ने इस समारोह में हिस्सा लेकर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महत्ती भूमिका निभायी।