चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा….

 उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की नाव डगमगा रही है। इसी के साथ प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि सरकार में अगर शामिल होना होता तो एक फोन करते और कल ही शपथ ले लेते।

 बिहार में प्रशांत किशोर जन सुराज पदयात्रा निकाल रहे हैं। इसी के तहत वे सीवान जिले के गोरेयाकोठी में जनता को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान किशोर ने कहा कि बहुत लोगों को लगता है कि प्रशांत किशोर सरकार में आना चाहते हैं। अगर मुझे सरकार में आना होता तो इसके लिए मुझे पैदल चलने की कोई जरूरत नहीं थी। एक फोन करने पर सरकार में आ जाएंगे।

उन्होंने कहा कि अभी नीतीश कुमार की नाव डगमग हो रही है। बेचारे रोज मुझे बोलते हैं कैसे भी मदद कीजिए। उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार में जाना होगा तो कल ही सरकार में आ जाएंगे। यह सरकार बनाने का अभियान नहीं है। यह व्यवस्था को बदलने का अभियान है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर बिहार को सुधारना है तो बिना समाज को जगाए हुए बिहार को नहीं सुधार सकते हैं। इसलिए सब कुछ दांव पर लगाकर, अपना घर-परिवार और ऐशो-आराम छोड़कर यह काम करने निकले हैं, ताकि बिहार में एक नई व्यवस्था बनाई जा सके।

इससे पहले भी कई मुद्दों को लेकर बात कर चुके हैं प्रशांत किशोर…

इससे पहले प्रशांत किशोर ने गोपालगंज के चैनपट्टी गांव में कहा था कि आप अगर अपने बच्चों की चिंता नहीं करेंगे तो दुनिया में कोई आपके बच्चे की चिंता नहीं करेगा। पांच वर्ष जनता बैठकर शिक्षा और रोजगार से जुड़ी समस्याओं पर बातचीत करती है, लेकिन जिस दिन मतदान होता है, उस दिन जनता सब भूल जाती है।

उन्होंने कहा था कि वोट सिर्फ जाति और धर्म के नाम दिया जाता है, जो जात से बच जाते हैं, वह हिंदू-मुसलमान, चीन-पाकिस्तान और पुलवामा के नाम पर वोट देते हैं। प्रशांत किशोर ने पिछले लोकसभा चुनाव की याद दिलाते हुए कहा था कि जिस नेता को चुनाव से पहले तक जनता गाली दे रही होती है, उसी नेता को जनता सब भूलकर वोट दे आती है।

उन्होंने यह भी कहा था कि लोगों ने मोदी जी के नाम पर, पाकिस्तान और पुलवामा के नाम पर वोट दिया, जब पुलवामा और पाकिस्तान के नाम पर वोट दीजिएगा तो आपके गांव में स्कूल कैसे बनेगा।