पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय  के प्रथम पीएचडी (PhD) बैच (2021-24) के सभी शोधार्थियों को उनके गाइड आवंटित कर दिए गए…पीपीयू की अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. नमिता सिंह ने बताया कि शोध छात्रों की सुविधा को देखते हुए गाइड उनके सुझाव व स्पेशलाइजेशन के हिसाब से आवंटित किए गए…

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के पीएचडी में गाइड एलॉटमेंट की प्रक्रिया पूर्ण होने पर सभी शोध-छात्र इस बात से प्रसन्न दिखे। शोधार्थी आगामी भविष्य में किए जाने वाले अपने शोध- कार्यों को लेकर काफी उत्साहित थे। पीपीयू कीशोधार्थी अनुराधा कुमारी ने बताया कि वह रिसर्च वर्क को लेकर काफी उत्साहित हैं। वहीं जेआरएफ क्वालिफाइड रिसर्च स्कॉलर अख्तर आलम ने बताया कि वे फिक्शन पर अपना शोध कार्य करना चाहते हैं और अभी विभिन्न लेखकों को पढ़ रहे हैं।

सामाजिक उन्नति के ध्वज वाहक हैं शोधार्थी….

पीपीयू की अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. नमिता सिंह ने बताया कि शोध कार्य की गुणवत्ता शोधार्थियों और उनके गाइड पर निर्भर करती है। पीपीयू के सभी शोध छात्र व छात्राएं अच्छा शोध कार्य कर सकें, इसके लिए स्कॉलरों के सुझाव व पसंद के हिसाब से ही उन्हें गाइड अलॉट किए गए हैं।

उन्होंने ये भी कहा कि अभी ये लिस्ट टेंटेटिव है और इसमें सीट उपलब्धता के आधार पर बदलाव भी संभव है। हेड ऑफ डिपार्टमेंट ने सभी शोधार्थियों व उनके गाइड को आगामी भविष्य में होने वाले शोध कार्यों हेतु शुभकामनाएं दीं।

आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के छठे तल पर स्थित पाटलिपुत्र सेंट्रल लाइब्रेरी का  कर सकते हैं इस्तेमाल…

पीएचडी स्कॉलर मीठापुर के आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के छठे तल पर स्थित पाटलिपुत्र सेंट्रल लाइब्रेरी का उपयोग अपने शोध कार्यों के लिए कर सकते हैं। इस लाइब्रेरी में तमाम तरह की मूलभूत सुविधाएं छात्र-छात्राओं को मुहैया करवाई गई हैं, जिसका लाभ सभी छात्र व छात्राएं विश्वविद्यालय से निर्गत अपनी आई कार्ड दिखाकर उठा सकते हैं। बता दें कि पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी की स्थापना 18 मार्च 2018 को पटना के राजेंद्र नगर में बिहार सरकार के आदेश से हुई थी। यूनिवर्सिटी के अंदर तकरीबन 30 कॉलेज संचालित हो रहे हैं।