कोविड महामारी के इस दौर में जब देश-दुनिया के वैज्ञानिक इसके इलाज के लिए वैक्सीन बनाने की खोज में जुटे हैं, वहीं कुछ हद तक प्लाजमा थेरैपी से इसका इलाज की उम्मीदें बंध रही है।
प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर पटना के जाने माने चिकित्सक डॉ. हर्षवर्धन कहते हैं कि इसपर अभी शोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हम हर मरीज को इसके जरिये ट्रीटमेंट करें। स्वास्थ्य संगठनों की मानें तो इसका इस्तेमाल नियमित तरीके से शोध के रूप में किया जा सकता है। साथ हीं इस ट्रीटमेंट को उस मरीज में इस्तेमाल करने की जरूरत है, जो इस वायरस से गंभीर रूप से बीमार हैं। वह भी तब जब इलाज में सारा थेरेपी काम करना बंद कर दिया है।
लेकिन अभी तक ये साफ नहीं है कि प्लाजमा थेरैपी हीं कोरोना वायरस का इलाज है।
क्या है प्लाजमा थेरैपी ?
- प्लाज्मा थेरैपी के तहत ठीक हो चुके लोगों के प्लाज्मा को मरीजों से ट्रांसफ्यूजन किया जाता है।
- थेरैपी में एटीबॉडी का इस्तेमाल किया जाता है, जो किसी वायरस या बैक्टीरिया के खिलाफ शरीर में बनता है।
- यह एंटीबॉडी ठीक हो चुके मरीज के शरीर से निकालकर बीमार शरीर में डाल दिया जाता है।
- मरीज पर एंटीबॉडी का असर होने पर वायरस कमजोर होने लगता है। इसके बाद मरीज के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।
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