दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की हैट्रिक लगाई है. वहीं बीजेपी की पूरी फौज उतारने के बाद भी पार्टी दहाई अंक हासिल नहीं कर पाई. वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में भी अपनी खाता नहीं खोल पाई कांग्रेस इस बार भी अपनी खाता नहीं खोल पाई. दिल्ली विधानसभा में एक बार फिर न सिर्फ कांग्रेस पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया. बल्कि इसके 67 उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई है. पार्टी के सिर्फ 3 उम्मीदवार ही अपनी जमानत बचा पाए हैं, जिनमें बादली से देवेन्द्र यादव, कस्तूरबा नगर से कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक दत्त और गांधी नगर से अरविन्दर सिंह लवली शामिल है.
2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस ने खराब प्रदर्शन किया था. चुनाव नतीजों में कांग्रेस शून्य पर सिमट गई थी. उस वक्त आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी के खाते में मात्र तीन सीटें ही मिली थीं.
पार्टी की हार पर उठा सवाल
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के भीतर की अंदरूनी कलह भी सामने आने लगी है. पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक ट्वीट जारी करते हुए दिल्ली में पार्टी की हार पर जमकर सवाल खड़े किए हैं. दिल्ली में पार्टी की खराब प्रदर्शन को लेकर शर्मिष्ठा ने इसके लिए पार्टी आला कमान को भी जिम्मेदार ठहराया है.
समीक्षा की नहीं, एक्शन की जरूरत
वरिष्ठ कांग्रेस लीडर शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट करते हुए कहा, “हमने दिल्ली में एक बार फिर नाश कर दिया है. आत्मनिरीक्षण बहुत हो चुका अब एक्शन का वक्त है.
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BJP playing divisive politics,Kejriwal playing ‘smart politics’& what r we doing? Can we honestly say that we’ve done all 2 put our house in order? We r busy capturing Congress whereas other parties are capturing India. If we r 2 survive, time 2 come out of exalted echo chambers!
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) February 11, 2020
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पी चिबंदरम ने ट्वीट किया, ‘मैं दिल्ली के लोगों को सलाम करता हूं जिन्होंने 2021 और 2022 में अन्य राज्यों जहां चुनाव होंगे, उनके लिए मिसाल पेश की है.’
AAP won, bluff and bluster lost. The people of Delhi, who are from all parts of India, have defeated the polarising, divisive and dangerous agenda of the BJP
I salute the people of Delhi who have set an example to other states that will hold their elections in 2021 and 2022
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 11, 2020
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