यूपी में 2017 में नाबालिग लड़की का अपहरण करके उसके साथ सामूहिक रेप के मामले में सीबीआई ने उन्नाव की तत्कालीन डीएम सहित दो आईपीएस अधिकारियों को दोषी माना है और उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है. उन्नाव के विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर इस घटना के मुख्य दोषी हैं. सीबीआई ने तीन महिला अधिकारियों को लापरवाही का दोषी मानते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है। इनमें उन्नाव की डीएम रहीं अदिति सिंह और दो आईपीएस अधिकारी नेहा पांडेय व पुष्पांजलि सिंह शामिल हैं। सीबीआई ने इनके अलावा तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक अष्टभुजा सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की है।
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश
सीबीआई ने दुष्कर्म के आरोप सिद्ध होने पर कुलदीप सिंह सेंगर को जेल भेजा था, जबकि पुलिसकर्मियों की मिलीभगत का भी खुलासा किया था। इसी साल 31 जनवरी को सीबीआई सफीपुर के सीओ कुंवर बहादुर सिंह, एसएचओ माखी धर्म प्रकाश शुक्ला और एसआई दिग्विजय सिंह के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। सीबीआई ने प्रदेश सरकार को बताया कि इस मामले में तत्कालीन डीएम अदिति सिंह, एसपी नेहा पांडेय और पुष्पांजलि व अपर पुलिस अधीक्षक रहे अष्टभुजा प्रसाद सिंह की ओर से भी लापरवाही बरती गई। इसे देखते हुए सीबीआई ने सरकार से कहा, इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
सेंगर को आजीवन कारावास की सजा
सीबीआई इसी मामले में उन्नाव के विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई समेत अन्य आरोपियों को दोषी ठहरा चुकी है. सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर सेंगर को आजीवन कारावास की सजा भी हो चुकी है. सजा होने के कारण उनकी विधानसभा की सदस्यता भी खत्म कर दी गई थी.
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