बिहार में कोरोना के विरुद्ध जन-आंदोलन” विषय पर वेबिनार का आयोजन, वक्ताओं ने कहा-हाथ धुलना,मास्क पहनना और 2 गज की दूरी बनाए रखना जरूरी

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के फील्ड आउटरीच ब्यूरो, गया द्वारा आज “बिहार में कोरोना के विरुद्ध जन-आंदोलन” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में अतिथि वक्ता के तौर पर शामिल एएनएमसीएच, गया के एसोसिएट प्रोफेसर सह विभागाध्यक्ष (मेडिसिन) डॉ. प्रमोद कुमार सिन्हा ने कहा की कोरोना को मात देने के मामले में बिहार सबसे अव्वल रहा है। बिहार में एक्टिव केसेस दूसरे राज्यों के मुकाबले कम है। बिहार में एक्टिव केसेस केवल 5% है। देशभर में जहां कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर 88% है, वहीं बिहार में रिकवरी रेट 94% से अधिक है। उन्होंने कहा कि देशभर के अन्य राज्यों के मुकाबले बिहार में संक्रमितों की संख्या में लगातार आ रही गिरावट की मुख्य वजह यहां पर जन आंदोलन के तहत सख्ती से अपनाए जा रहे सुरक्षा के विभिन्न उपाय हैं। बिहार में सुरक्षात्मक उपाय अच्छे से लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को कोरोना से बचाव हेतु मुख्य रूप से तीन कार्यों को अवश्य करना चाहिए- बार-बार हाथ धुलना, अच्छे तरीके से मास्क पहनना और लोगों से 2 गज की दूरी बनाए रखना।

कोरोना काल में कुछ सकारात्मक चीजें भी देखने को मिली

अनुग्रह मेमोरियल कॉलेज, गया के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. एम शमशुल इस्लाम ने कहा कि तमाम नकारात्मकताओं के बीच कोरोना काल में कुछ सकारात्मक चीजें भी देखने को मिली हैं। हमलोगों ने पाया है कि लोग कोरोना काल में तकनीकी रूप से बेहद सक्षम हुए हैं। खासकर बिहार जोकि देश का सबसे पिछड़ा राज्य है, वहां देखने को मिल रहा है कि बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई आसानी से कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में कोरोना काल के दौरान विभिन्न स्कूलों के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की गई थी। शहरों के साथ-साथ गांवों के बच्चों ने भी ऑनलाइन पढ़ाई में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि मगध विश्वविद्यालय में ऑनलाइन पढाई काफी बड़े पैमाने पर करवाए गए। मगध विश्वविद्यालय की भविष्य की योजना है कि वहां 80% पढ़ाई ऑनलाइन होंगी और 20% पारंपरिक तरीके से करवाई जाएंगी।

कोरोना से देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा नकारात्मक असर

एम जी कॉलेज, गया के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफ़ेसर अब्दुल क़ादिर ने कहा कि बिहार में दो मंत्री, दो पत्रकार, एक आईपीएस अधिकारी की मौत कोरोना से हुई है और कई नामचीन लोग अस्पतालों में भर्ती हैं, इसलिए यह वक़्त हमलोगों को अपनी पीठ थपथपाने का या बहुत खुश होने का नहीं है बल्कि और अधिक सावधान रहने का है। उन्होंने कहा कि अगर मौजूदा चुनाव के दौरान कोरोना ‘सुपर स्प्रेडर’ साबित हो जाए तो यह कोई ताज्जुब की बात नहीं होगी। इसलिए हमें सावधान रहने की आवश्यकता है। कोरोना से बचाव को लेकर अभी बहुत कुछ करना बाकी है। उन्होंने कहा कि गया एक पर्यटन स्थल है और कोरोना ने पर्यटन क्षेत्र को भी बहुत प्रभावित किया है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि आज की पढाई संभ्रांतवादी हो रही है। आज भी देश की बड़ी आबादी ऐसी है, जो भूखे पेट सोती है। ऐसे में उसे आनलाइन शिक्षा देने की बात बेईमानी है। आनलाइन पढाई क्लासरूम पढाई का विकल्प नहीं बन सकता है।

वेबिनार का संचालन एफओबी, गया के क्षेत्रीय प्रचार सहायक बुलंद इकबाल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन एफओबी, भागलपुर के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी अभिषेक कुमार ने किया। वेबिनार के आयोजन में सहयोगी कार्यालय के रूप में एफओबी, भागलपुर शामिल था। वेबिनार के आयोजन में सहयोगी कार्यालय के रूप में एफओबी, भागलपुर शामिल था। वेबिनार में रीजनल आउटरीच ब्यूरो, पटना के अपर महानिदेशक एस के मालवीय और निदेशक विजय कुमार सहित विभिन्न एफओबी कार्यालयों के अधिकारी-कर्मचारी और आम श्रोता शामिल थें।