बिहार में फिर डराने लगा कोरोना का बढ़ता ग्राफ।

पटना में कोरोना रौद्र रूप लेने लगा है। 24 घंटे में पटना में कोरोना से छह लोगों की मौत होने से पूरे सूबे में हड़कंप मच गया है। बुधवार को पटना एम्स में 14 वर्षीय लड़की समेत तीन मरीजों की कोरोना से मौत हो गयी। जिसने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

बिहार के कई क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले अब राज्य सरकारों को डराने लगे हैं। भोजपुर में कोरोना का कहर लगातार जारी है। प्रतिदिन कोरोना संक्रमित लोग मिल रहे हैं। इसकी चपेट में कई डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, अधिकारी, जज व बच्चे शामिल हैं। बुधवार को जिले में 28 लोग पॉजिटिव पाये गये हैं। अब जिले का आंकड़ा 395 पहुंच गया है। जबकि जिले में कुल एक्टिव केस 395 है।

पटना में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 13 हजार 375 पहुंच गई है। पटना सहित पूरे बिहार में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों का प्रतिशत 94.65 है। पॉजिटिव मरीजों में 98 प्रतिशत मरीज होम क्वारेंटिन में इलाज करा रहे हैं।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण लॉकडाउन लगने की आशंका से डर कर दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, सूरत आदि शहरों से काम करनेवाले प्रवासीयों के बिहार लौटने का सिलसिला लगातार जारी है। इसमें श्रमिक प्रवासियों की संख्या अधिक है। प्रवासियों के लौटने को लेकर आनेवाली ट्रेनों में आरक्षित सीटें फुल है। अक्सर दूसरे होली के समय प्रवासी बिहार आते थे। लेकिन, कोरोना को लेकर दो माह पहले लौटने लगे हैं। पटना जंक्शन पर झुंड में बेंगलुरु से आये प्रवासियों ने बताया कि कोरोना फिर से बढ़ने लगा है। इसलिए काम छोड़ कर आना पड़ा। अभी आने में सुविधा हुई है। लॉकडाउन लग जाता तो फिर मुश्किल होता।

हालांकि बिहार सरकार ने यह साफ कह दिया है कि बिहार में कोरोना की बढ़ती संख्या को देखते हुए सख्ती में कोई छूट नहीं दी जायेगी। सभी जिलों को संक्रमण की दर पर नजर रखने का आदेश दे दिया गया है। मकर संक्रांति के मौके पर भीड़ नही होने देने का निर्देश भी सभी डीएम को दिया गया है। मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में बुधवार को क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक हुई। बैठक में मकर संक्रांति को देखते हुए जिलों को कोरोना गाइड लाइन का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया गया।