किसानों को विशिष्ट पहचान पत्र देगी मोदी सरकार, बिचौलियों का होगा खात्मा: राजीव रंजन



भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने आज कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए केंद्र सरकार आज अनेक योजनाएं चला रही हैं. इन योजनाओं का समुचित लाभ किसानों को मिले, इसके लिए सरकार अब देश के किसानों को विशिष्ट पहचान पत्र (आइडी) जारी करने वाली है. 12 अंकों के इस विशिष्ट पहचान पत्र को बनाने की प्रक्रिया देशभर में चल रही है, जिसके तहत अब तक साढ़े पांच करोड़ किसानों का डाटाबेस तैयार हो चुका है. इस डाटाबेस के आधार पर पहचान पत्र दिया जाएगा, जिसके माध्यम से किसान केंद्र व राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं का लाभ आसानी से प्राप्त कर सकेंगे.

उन्होंने कहा कि इस विशिष्ट पहचान पत्र बनाने को लेकर पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है, जिसके तहत साढ़े पांच करोड़ किसानों का डाटाबेस तैयार कर लिया गया है. इसके दायरे में जल्दी ही पूरे देश के किसानों को शामिल कर लिया जाएगा. राष्ट्रीय स्तर पर डाटाबेस तैयार होने के बाद इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा. जिन किसानों को प्रधानमंत्री कल्याण निधि योजना (पीएम-किसान) से हर साल तीन बार दो-दो हजार रुपये की बराबर किस्तें दी जाती हैं, उन सभी किसानों को इस आइडी का लाभ प्राप्त होगा. इस योजना में e-नो योर फार्मर्स (ई-केवाईएफ) के माध्यम से किसानों के सत्यापन का प्रावधान भी है. इससे किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए विभिन्न विभागों और दफ्तरों में बार-बार भौतिक दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसके अलावा इससे किसानों को क्षेत्र आधारित और अनुकूल सलाह सुगमता से दी जा सकेगी, वहीं प्रतिकूल मौसम की परिस्थितियों के कारण फसल को हुए नुकसान के आकलन में भी आसानी होगी.
रंजन ने कहा कि किसानों को कई तरह की सब्सिडी और योजनाओं का लाभ दिया जाता है. इसमें कई तरह के घपले भी होते हैं, जिसका फायदा बिचौलिए और फर्जी लाभार्थी उठाते हैं. डीबीटी से इन बिचौलियों पर काफी लगाम लगी है और अब इस विशिष्ट पहचान पत्र के लागू होने के बाद बचे-खुचे बिचौलिए भी साफ़ हो जाएंगे. डिजिटल कृषि मिशन के इस प्रयास से कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता आएगी और योजनाओं का लाभ लेने में किसानों को आसानी होगी.