
दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस सुर्खियों में हैं। लेकिन कुछ ऐसे ही मर्डर केस पहले भी उत्तर प्रदेश के मेरठ में हो चुके हैं। दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस में जैसे अफताब ने अपनी प्रेमिका की हत्या कर लाश के टुकड़े-टुकड़े करके फेंका। कुछ इसी तर मेरठ के शातिर हत्यारों ने भी अपने काम को अंजाम दिया था। एक हत्या ऐसा भी है जिसे लेकर पुलिस अब तक नहीं पहचान पाई है कि लाश किसकी है।
प्रेमिका के टुकड़े-टुकड़े करके दबा दि थी लाश
मेरठ के दौराला क्षेत्र के लोईयां गांव के रहने वाले शाकिब लुधियाना में कपड़े का काम करता था वहीं उसकी मुलाकात एकता देशवाल नाम की युवती के साथ हो गया। शाकिब ने युवती से अपना नाम अमन बताया था। इसके बाद साकिब ने युवती को झांसा देकर अपने प्रेमजाल में फंसा लिया और मेरठ लेकर आ गया। एकता ने अपने सा 20 लाख रुपये के ज्वैलरी और रुपये साथ लेकर आई थी। इसके बाद शाकिब ने 13 मई साल 2019 में एकता की हत्या कर उसकी लाश के टुकड़े-टुकड़े करके गांव के बाहर दबा दी। वहीं एकता का सिर काटकर दूसरी जगह दबा दिया था। पुलिस को 5 जून 2019 में लाश के टुकड़े बरामद हुए लेकिन शव की शिनाख्त नहीं हो पाई। इसके बाद 1 जून साल 2020 में पुलिस ने केस का खुलासा करते हुए प्रेमी शाकिब और उसके परिवार के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।
2 साल बाद भी पुलिस युवती के शव की नहीं कर पाई पहचान
ये मामला 26 अक्टूबर साल 2020 का है। मेरठ के लिसाड़ी गेट फातिमा गार्डन कॉलोनी के पास श्मशान में एक बोरे में एक युवती की 17 टुकड़ों में कटी हुई लाश बरामद हुई थी। बोरे से मृतका का सिर गायब था। पुलिस ने मृतका की पहचान करने की कोशिश की लेकिन आज तक उसकी पहचान नहीं हो पाई है। केस आज भी वैसा का वैसा ही है जैसे 2 साल पहले था।
शव काटकर नाले में फेंका
हापुड़ अड्डे पर भगत सिंह मार्केट के प्रधान नईम गाजी की भी हत्या कुछ इसी तरह से हुई थी। रुपयों के लेन देन के कारण नईम गाजी को मौत के घाट उतार दिया गया था। वहीं शव के टुकड़े-टुकड़े करके पल्लवपुरम के नाले में फेंक दिया था। बाद में पुलिस को लाश बरामद हुई थी। हालांकि इस केस के सात आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी हो गए थे। ये मामला साल 2016 का है।
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