ब्रिटेन को रूस का विरोध करना पड़ा महंगा, रूस ने दिया ब्रिटेन को बड़ा झटका।

यूक्रेन-रूस युद्ध का आज तीसरा दिन है। तीन दिनों से जारी इस लड़ाई ने पूरी दुनिया में मानवता को शर्मशार कर दिया है। इस युद्ध ने दर्शाया है कि मानव ही मानव का दुश्मन है। विश्व युद्ध एक और विश्व युद्ध 2 के बाद युद्ध में हुए भारी विध्वंस ने पूरी दुनिया को यह सोचने पर मजबूर कर दिया था कि भविष्य में ऐसे युद्ध को होने से कैसे रोका जा सकता है। जिसके लिए विश्व स्तर पर कई संगठनों का निर्माण भी किया गया। पर आज जब युद्ध जैसे हालात उत्पन्न हुए तो यह वैश्विक संगठन आज नदारद नजर आते हैं। ट्विटर पर आकर और मीडिया के सामने प्रस्तुत होकर तरह तरह के बयान बाजीयों का सिलसिला कई देश के नेताओं के द्वारा जारी है। पर विश्व में आज कोई भी देश शायद इतना शक्तिशाली हो जो यह सामर्थ्य रखता हो कि अपने शक्ति के बल पर विश्व में होने वाले किसी भी देश के युद्ध को रोक सकता हो।

रूस और यूक्रेन हमले को लेकर यूरोपीय देशों ने रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध लागू किए हैं। रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लागू करने वाले यूरोपीय देशों में ब्रिटेन का नाम भी शुमार है। यूरोपीय देशों के प्रतिबंधों के बाद रूस का नजरिया भी इन देशों को लेकर कड़ा नजर आने लगा है। यही कारण है की हैएयरोफ्लोत की उड़ानों पर ब्रिटेन के प्रतिबंधों के बाद रूस के नागर विमानन प्राधिकरण ने अपने हवाई क्षेत्र में ब्रिटिश उड़ानों पर पाबंदी लगा दी है। नागर विमानन प्राधिकरण रोसावित्सिया ने कहा कि ब्रिटेन आने जाने वाली सभी उड़ानों के साथ-साथ पारगमन उड़ानों पर शुक्रवार से प्रतिबंध लगा दिया गया है।

प्राधिकरण ने कहा कि ब्रिटिश प्राधिकारों के “गैर मैत्रीपूर्ण निर्णय” के जवाब में यह कदम उठाया गया है। ब्रिटेन ने यूक्रेन पर रूसी हमले के जवाब में उसकी विमान कंपनी एयरोफ्लोत की उड़ानों पर पाबंदी लगाई है।