
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के निर्देश पर इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास के दो ड्राइवरों पर हिट एंड रन के झूठे आरोप लगा कर उन्हें कई घंटे हिरासत में रखा था। भारतीय विदेश मंत्रालय के दबाव के बाद इन्हें रिहा किया गया था। सोमवार दोपहर इन दोनों ड्राइवरों समेत पांच दूतावास अधिकारी अटारी सड़क सीमा के रास्ते वतन लौट आए हैं।
कड़ी सुरक्षा में पाकिस्तान के वाघा सीमा पर पहुंचाया गया
वाघा बॉर्डर से उन्हें कड़ी सुरक्षा में विशेष गाड़ियों से दिल्ली रवाना कर दिया गया है। हिट एंड रन केस में फंसाए गए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के दो ड्राइवर शीलवाधस व द्विमु ब्रह्मा के साथ दूतावास अधिकारी कैप्टन मनु मिड्डा (एयर एडवाइजर), सीनियर सचिव एस शिव कुमार व स्टाफ सदस्य पंकज भी वतन लौट आए हैं। इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास में कार्यरत इन अधिकारियों को कड़ी सुरक्षा में पाकिस्तान के वाघा सीमा पर पहुंचाया गया।
जाली करेंसी रखने के झूठे आरोप भी लगाए थे
वाघा सीमा पर तैनात पाकिस्तानी रेंजर के अधिकारियों ने इनके दस्तावेज की जांच कर अटारी सीमा की तरफ भेजा। भारतीय दूतावास में काम करने वाले दोनों ड्राइवरों ने आरोप लगाया था कि आईएसआई के अधिकारियों ने उनकी पिटाई की है। इन पर जाली करेंसी रखने के झूठे आरोप भी लगाए थे। इन दोनों को 15 जून को गिरफ्तार किया गया था। दोनों ड्राइवर 2017 में भारतीय दूतावास के साथ अटैच किए गए थे।
दोनों ड्राइवरों पर एफआईआर दर्ज की थी
आईएसआई के इशारे के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने दोनों ड्राइवरों पर एफआईआर दर्ज की थी। जिसमें कहा गया था इन्होंने एक पैदल यात्री को दौड़ाया और बाद में भागने का प्रयास किया। इस घटना की रिपोर्ट सबसे पहले भारतीय मीडिया में आई। जिसमें दावा किया गया था कि दो भारतीय अधिकारी किसी काम के लिए कार्यालय से बाहर आते ही लापता हो गए।
विदेश मंत्रालय ने विचार-विमर्श के लिए बुलाया
दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास के दो अधिकारियों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद पाकिस्तान ने बदले की भावना से इन ड्राइवरों पर झूठे आरोप लगाए थे। इन अधिकारियों ने मीडिया के साथ कोई भी बातचीत करने से इनकार कर दिया। जानकारी के अनुसार वतन लौटे भारतीय दूतावास के तीन अधिकारियों को विदेश मंत्रालय ने विचार-विमर्श के लिए बुलाया है।
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