कोरोना के आर्थिक मंदी के बावजूद भी खूब बिकी रॉल्स-रॉयस की कारें।

कोरोना काल ने दुनियाभर की अर्तव्यवस्था चरमराई हुई है। इस महामारी ने सभी उद्योगों के विकास पर लगाम लगा दिया है। लेकिन इसके बावजूद भी कुछ दिन पहले एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि कोरोना के प्रकोप के दौरान दुनियाभर के सुपर रिच लोगों की संपत्ति पहले की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ी है। इसी तरह की एक और खबर है जो इस बात को और भी ज्यादा पुख्ता करती है।खबर है कि दुनिया की सबसे महंगी कारों में शुमार रोल्स-रॉयस की बिक्री 2021 में ऐतिहासिक रही है। यानी 117 साल पहले कंपनी की स्थापना से लेकर अभी तक कंपनी ने एक साल में उतनी कारें कभी नहीं बेचीं, जितनी बीते साल बेची है।

चुनिंदा ग्राहकों को उनके बैकग्राउंड की जांच पड़ताल के बाद ही बेची जाने वाली रोल्स-रॉयस इसके बाद भी दुनियाभर में रिकॉर्ड तोड 5,586 कारें बेचीं हैं। 2020 की तुलना में यह 49% ज्यादा है। बैंक जानकारों का कहना है कि वर्ष 2021 के दौरान दुनिया में जो भी रोल्स- रॉयस खरीदने में समर्थ था, उसने इस कार को खरीदा। मुख्य रूप से चीन, उत्तरी अमेरिका और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ज्यादा कारों की बिक्री हुई है। रोल्स रॉयस के सीईओ टॉर्स्टन मुलर ओटवोस का कहना है कि महामारी के दौरान उनकी कारों की बिक्री में इजाफा हुआ है। क्योंकि दुनिया के सुपर रिच लोगों ने जीवन की क्षणभंगुरता सूत्र वाली मानसिकता के साथ रोल्स- रॉयस जैसी महंगी कारें खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। घूमने-फिरने, होटलिंग से बचा पैसा लोगों ने कारों पर अधिक खर्च किया है।

इन खबरों से एक बात साफ हो जाती है कि कोरोना से सुपर रिच लोगो की अर्थव्यवस्था पर मार नही पड़ी है। इस महामारी की मार केवल गरीबों और मध्यम वर्गीय लोगो के अर्थव्यवस्था पर ही पड़ी है।