जानें पाकिस्तान ने क्यों हटाया निगरानी सूची से 1800 आतंकियों के नाम ?

पाकिस्तान ने निगरानी सूची से 1800 आतंकियों के नाम चुपके से हटा लिया है। इस लिस्ट में मुंबई हमलों के मास्टरमाइंट लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जकी-उर-रहमान भी शामिल है।

नाम हटाये का ये है वजह ..

पाकिस्तान ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब वैश्विक एंटी मनी लांड्रिंग संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने उसे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक नई समयसीमा दी है। इमरान सरकार के निगरानी सूची से आतंकियों के नाम हटाने की जानकारी अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित नियामक प्रौद्योगिकी कंपनी कास्टेलम डॉट एएल ने दी है।

इन तथाकथित अभियुक्त व्यक्तियों की सूची, जिसे पाकिस्तान के राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी प्राधिकरण (NACTA) ने बनाया है, उसका उद्देश्य वित्तीय संस्थानों को संदिग्ध आतंकवादियों के लेनदेन के प्रसंस्करण या व्यापार से बचने में मदद करना है। इस सूची में 7,600 लोगों के नाम शामिल हैं।

कंपनी के अनुसार 18 महीनों में इसमें मौजूद नाम घटकर 3,800 रह गए हैं। कास्टेलम के डाटा के अनुसार मार्च की शुरुआत से लगभग 1800 नामों को सूची से हटाया गया है। पाकिस्तान एक कार्य योजना को लागू करने पर काम कर रहा है जिसकी जिम्मेदारी उसे पेरिस स्थित एफएटीएफ ने दी है। जिसमें वित्तीय प्रतिबंधों के प्रभावी कार्यान्वयन को प्रदर्शित करना शामिल है।

कार्रवाई से क्या पड़ेगा असर ?

कंपनी ने कहा, ’यह संभव है कि इनका नाम हटाना एफएटीएफ सिफारिशों को लागू करने के पाकिस्तान की कार्य योजना का हिस्सा हों।’ एफएटीएफ जून 2020 में पाकिस्तान की प्रगति का आकलन करेगा। वर्तमान में वह ग्रे सूची में है। यदि वह आतंकियों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई करने में असफल रहता है तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा। जिसका उसकी चरमराती अर्थव्यवस्था पर बहुत असर पड़ेगा।