विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने 29 जून को कहा कि कोविड-19 के साथ लोगों को ट्रेस करना एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा कि जो देश ऐसा करने में विफल हो रहे हैं, उनके पास ’कोई बहाना नहीं है. टेड्रोस ने बताया कि कई सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवरों ने सक्रिय संघर्ष क्षेत्र में संपर्क का पता लगाने के लिए अपने जीवन को जोखिम में डाल दिया है. उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी भी देश को संपर्क की प्रक्रिया कठिन लगती है, तो वह सिर्फ एक ’बहाना’ है.
रोग के प्रसार को प्रबंधित करने के लिए दक्षिण कोरिया की प्रशंसा
हालांकि टेड्रोस ने कई देशों द्वारा की गई प्रगति और महामारी को वास्तव में ’तेज’ करने की बात स्वीकार की, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यह खत्म होने के करीब भी नहीं है. उन्होंने रोग के प्रसार को प्रबंधित करने के लिए दक्षिण कोरिया की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया ने प्रसार पर सफलतापूर्वक अंकुश लगाया क्योंकि उन्होंने संक्रमण फैलाने वालों के संपर्कों से निपटा. टेड्रोस ने कहा कि दक्षिण कोरिया ने ’चरम स्थितियों’ में भी प्रसार को कण्ट्रोल किया. इसके अलावा उन्होंने यहां तक कहा कि डब्ल्यूएचओ ने संपर्क ट्रेसिंग के महत्व को दिखाया. कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग के बारे में टेड्रोस की चिंता ब्रिटेन और अमेरिका सहित कोविड-19 के बड़े प्रकोप वाले देशों के बाद आती है. ब्रिटेन ने भी संपर्क ट्रेसिंग सिस्टम लगाने की कसम खाई थी, हालांकि, ब्रिटेन सरकार ने कथित तौर पर डिजिटल ऐप को बन्द कर दिया क्योंकि उनका मानना था कि उनके संपर्क के वायरस के साथ लगभग एक-चौथाई लोगों तक पहुंचने में विफल रहे.
अगले वर्ष 30 अरब डॉलर से अधिक की आवश्यकता
वहीं डब्लूएचओ प्रमुख ने यह भी कहा कि कोविड-19 परीक्षणों, टीकों और उपचारों के विकास और उत्पादन में तेजी लाने के लिए एक वैश्विक पहल के लिए अगले वर्ष 30 अरब डॉलर से अधिक की आवश्यकता होगी. उन्होंने सरकार, उद्योग, स्वास्थ्य संगठनों, नागरिक समाज संगठनों और समुदायों के बीच एक ’सक्रिय सहयोग’ का आह्वान किया.
You must be logged in to post a comment.