कोरोना से फिर डगमगाने लगी आम आदमी की अर्थव्यवस्था।

बिहार सहित पुरे भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या में आई तेजी के कारण सभी राज्य सरकारों ने राज्य में कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। उन्ही राज्यों में एक राज्य बिहार भी है। बिहार राज्य सरकार की ओर से लागू कोविड की नई गाइडलाइन के अनुसार शादी ब्याह के आयोजन में 50 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकते हैं। 21 जनवरी तक मंदिरों और शैक्षणिक संस्थानों को भी बंद कर दिया गया है। इतना ही नहीं शादी समारोह में बारात निकालने और डीजे पर भी रोक लगा दी गई है। इसका बड़ा असर इससे जुड़े कारोबारियों पर पडने लगा है। पंडित जी से लेकर मैरिज गार्डेन संचालक, टेंट कारोबारी, कैमरा मैन, कैटरर, फूलों की सजावट करने वाले और बैंड वाले सभी परेशानी में हैं। इस प्रतिबंध का सबसे ज्यादा असर जनवरी माह के 21 और 22 तारीख पर पड़ा है। आपको बता दें कि 21 और 22 जनवरी को लगन जोरदार है। पर इन प्रतिबांधो ने लगन के उत्सव के माहौल को पूरी तरह मायूस कर दिया है। लोग इतने डरे हुए हैं कि फरवरी की बुकिंग भी कैंसिल करवा रहे हैं।

पटना में होटल मौर्या के जीएम बी.डी. सिंह कहते हैं कि शादी में 50 लोगो को शामिल करना लोग की मजबूरी है। जिन लोगों ने बुकिंग कराई है वे अभी वाच कर रहे हैं। 21 जनवरी के बाद कैसी स्थिति रहती है इस पर काफी कुछ निर्भर रहने वाला है। अभी लोगों ने बुकिंग रद्द नहीं कराई है। हमें हर हाल में कोविड गाइडलाइन का पालन तो करना ही है।

होटल चाणक्या में सेल्स एंड फ्रंट ऑफिस मैनेजर रजनीश कुमार कहते हैं कि अभी तो लोगों ने शादी आदि की बुकिंग कैंसिल नहीं कराई है, लेकिन रात 8 बजे के बाद बंद करने का आदेश है इससे रेस्टोरेंट कारोबार काफी प्रभावित हुआ है। पटना में ज्यादातर लोग शाम आठ बजे के बाद ही डिनर के लिए निकलते थे।

ऑल बिहार टेंट डेकोरेटर्स वेल्फेयर एसोसिएशन के प्रेसीडेंट पंकज कुमार पिंटू बताते हैं कि खरमास के बाद यानी 14 जनवरी से लेकर 21 जनवरी तक के 80 फीसदी बुक कार्यक्रम लोगों ने कैंसिल करवा लिया है। समझ लीजिए जनवरी की लगभग सारी बुकिंग लोगो ने कैंसिल करा ली है। वे कहते हैं कि कोरोना ने पहले ही दो साल बर्बाद कर दिया हैं। अब फिर से हमारा कारोबार चौपट हो रहा है। मध्यप्रदेश में ढाई सौ लोगों को शादी में परमिशन दिया गया है, हरियाणा में 100 को परमिशन है पर बिहार में 50 लोगो की ही परमिशन मिली है। वे कहते हैं कि पूरे बिहार में तीन-चार हजार मैरेज गार्डेन हैं, इसमें सिर्फ पटना में एक हजार होंगे। लगभग 5 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। टेंट से लेकर फ्लावर, कैटरर सभी को मिला लें तो 5 करोड़ का नुसान का अनुमान हैं। बैंड, डीजे वाले तो बर्बाद ही हो गए हैं।

जिन लोगो के समस्याओं को आपने पढ़ा इनकी आर्थिक स्थिति कुछ हद तो ठीक भी है। पर बिहार में ऐसे भी कई लोग हैं। जिनकी आर्थिक स्थिति दयनीय है। ऐसे लोगो के उत्थान के लिए राज्य सरकार को कोई उपाय सोचना चाहिए। जिससे गरीबी अभिशाप न बन पाए।