महिला दिवस के अवसर पर मगध महिला कॉलेज में संगोष्ठी आयोजित, ऑटो चालक ‘सरिता’ ने सुनाई दर्द की दास्तां

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजधानी पटना के मगध महिला कॉलेज में महिला सशक्तिकरण विषय पर शुक्रवार को संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

पद्मश्री उषा किरण खान, जस्टिस मृदुला मिश्रा, उधमी, उषा झा, समाजसेवी निवेदिता झा, आटो चालक सरिता, चिकित्सक डाक्टर मनीषा सिंह, राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित आभा चौधरी सहित अन्य लब्ध प्रतिष्ठित महिलाओं ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जलित कर संगोष्ठी का उद्घाटन किया।

हर क्षेत्र में शिखर छू रही महिलाएं-उषा किरण

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पद्मश्री साहित्यकार उषा किरण खान ने कहा कि महिलाएं आज हर क्षेत्र में शिखर को छू रही हैं, चाहे वह साहित्य का क्षेत्र हो या फिर कोई और। महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपने बल-बूते मुकाम हासिल किया है। उन्होंने आने वाली पीढ़ी की बच्चियों को सलाह दी कि वे खुद आगे बढ़ने के साथ-साथ आसपास के रहने वाली बच्चियों को भी आगे बढ़ाने में सहयोग करें।

युवा और समाज को जागने की जरूरत-शशि शर्मा

चाणक्य विधि विश्वविद्यालय की कुलपति मृदुला मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं को समाज और लोग उनकी क्षमता को कम आंकते हैं जबकि महिलाओं में इतनी क्षमता है कि वह तकलीफों को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ जाती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं समाज के लिये जीती हैं और एक समय में कई कार्य करती हैं। मगध महिला कालेज की प्राचार्य डाक्टर शशि शर्मा ने कहा कि युवा और समाज को जगाने की जरूरत है।

महिलाएं हो रही सबसे ज्यादा कैंसर का शिकार

कैंसर विशेषज्ञ डाक्टर मनीषा सिंह ने कहा कि महिलाओं में सबसे ज्यादा कैंसर देखने को मिलता है। जरूरत है कैंसर से पीड़ित महिलाओं का खुलकर सशक्त बनाने की। डाक्टर सिंह ने कहा कि कैंसर पीड़ित महिलाएं लोक लज्जा में स्तन कैंसर सहित अन्य जानलेवा बीमारियों को छुपा लेती हैं और अंतिम क्षण में अस्पताल आती हैं।

ऑटो चालक ने सुनाई दर्द की दास्तां

आटो चालक सरिता ने अपनी कहानी बताते हुए कहा कि वे जब पटना की सड़कों पर आटो चलाना शुरू की थी तो समाज उन्हें अलग नजरिए से देखता था। सरिता ने कहा कि समाज बेटा-बेटी में भेदभाव करता है। महिलाएं कोमल जरूर हैं लेकिन मजबूर नहीं हैं।