नियोजित शिक्षकों पर हंगामा है क्यों बरपा ? शिक्षकों के वोट बैंक नजरे गड़ाये बैठे हैं चिराग

आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान कॉफी फॉर्म में दिख रहे हैं। इसे लेकर वो सबसे अलग करने जा रहे हैं। आपको बता दें कि चिराग पासवान इसबार अपनी पार्टी की चुनावी घोषणापत्र चुनाव करीब 5 महीने पहले हीं जारी करने करने वाले हैं। साथ हीं मकसद नियोजित शिक्षकों के वोट बैंक को बटोरना भी है। वो नियोजित शिक्षकों की मांग को अपनी घोषणापत्र में शामिल करने की बात कह रहे हैं।

नियोजित शिक्षकों के साथ चिराग की मीटिंग

नियोजित शिक्षकों के द्वारा लगातार हो रहे आंदोलन को देखते हुए पटना में चिराग पासवान ने नियोजित शिक्षकों के साथ मीटिंग की। इस बैठक में टीईटी शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के सदस्यों से उन्होंने कहा कि शिक्षकों के न्याय के लिए लोक जनशक्ति पार्टी खड़ी है। उन्होंने कहा कि पार्टी इसबार अपने विजन डॉक्युमेंट में नियोजित शिक्षकों की मांग को रखेंगे। बता दें कि लोजपा अपना घोषणा पत्र 12 अप्रैल को जारी करेगी।

ये है शिक्षकों के वोट बैंक की ताकत

नियोजित शिक्षकों को लेकर चिराग पासवान की चिंता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चिंता बढ़ रही है। सवाल ये उठने लगे हैं कि चुनाव के वक्त चिराग पासवान को शिक्षकों की याद आयी है, जो एक चुनावी जुमला है। आपको बता दें कि बिहार में लगभग 3 लाख नियोजित शिक्षक हैं। अगर एक घर में 3 वोट भी होंगे, तो कुल मिलाकर 9 लाख वोटर्स हो जायेंगे। कुल मिलाकर कहें तो चिराग एक बड़े वोट बैंक को साधने में लगे हैं।