भारत सरकार और माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के बीच जारी तनातनी अब विराम लगता दिखाई पड़ रहा है। ट्विटर ने भारत के नए आईटी नियमों को मानते हुए विनय प्रकाश को भारत के लिए निवासी शिकायत अधिकारी नियुक्त किया है। कंपनी की वेबसाइट पर यह सूचना डाली गई है। खास बात यह है कि ट्विटर नए आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव की चेतावनी देने के तीन दिन बाद ही कानून का पालन करते हुए भारत में अपना शिकायत अधिकारी नियुक्त किया है।
ये तीन अधिकारी भारत के निवासी होने चाहिए।
ट्विटर की वेबसाइट पर डाली गई सूचना के अनुसार विनय प्रकाश कंपनी के निवासी शिकायत अधिकारी (आरजीओ) हैं। प्रयोगकर्ता पेज पर दी गई वेबसाइट के जरिये उनसे संपर्क कर सकते हैं। इसमें आगे कहा गया है कि ट्विटर से इस पते चौथी मंजिल, द एस्टेट, 121 डिकन्सन रोड, बेंगलूर-560042 पर संपर्क किया जा सकता है। प्रकाश का नाम कंपनी के वैश्विक विधि नीति निदेशक जेरमी केसल के साथ डाला गया है। केसल अमेरिका में स्थित हैं। कंपनी ने 26 मई, 2021 से 25 जून, 2021 के लिए अपनी अनुपालन रिपोर्ट भी प्रकाशित की है। 26 मई से लागू हुए नए आईटी नियमों के तहत यह एक और अनिवार्यता है।
इससे पहले ट्विटर ने आईटी नियमों के तहत धर्मेंद्र चतुर को भारत के लिए अपना अंतरिम निवासी शिकायत अधिकारी नियुक्त किया था। चतुर ने पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था।
मनमानी के चलते गंवा दिया सुरक्षा कवच
ट्विटर के भारत में करीब 1.75 करोड़ प्रयोगकर्ता हैं। नए सोशल मीडिया नियमों को लेकर ट्विटर का भारत सरकार के साथ विवाद चल रहा है। ट्विटर ने भारत में मध्यवर्ती के रूप में अपना कानूनी कवच गंवा दिया है। अब वह प्रयोगकर्ताओं द्वारा किसी तरह की गैरकानूनी सामग्री डालने के लिए जिम्मेदार होगी।
इससे पहले ट्विटर ने आठ जुलाई को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि उसने अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त किया है, जो भारत का निवासी है। इसके अलावा कंपनी ने नए आईटी नियमों के तहत आठ सप्ताह में नियमित पदों को भरने की भी प्रतिबद्धता जताई थी।
नए आईटी मंत्री ने दी थी चेतावनी
देश के नए आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 8 जुलाई को अपना मंत्रालय संभाला था। इसके तुरंत बाद उन्होंने सबसे पहले ट्विटर को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि देश का कानून सबसे ऊपर है और ट्विटर को इसे लागू करना ही होगा। दरअसल, मंत्रिमंडल विस्तार से पहले आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि नए आईटी कानून को लेकर रविशंकर प्रसाद सोशल मीडिया कंपनियों के सामने देश की साख बचाने में नाकाम रहे और इसी वजह से उनकी मंत्रालय से विदाई हुई।
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