कभी नक्सलियों के कारनामों से चर्चित रहने वाले अरवल जिले की बेटियां अब इस मिथक को तोड़ रही है। जी हां! अरवल जिले के फखरपुर निवासी लक्ष्मी प्रिया ने सिस्टोबॉल जैसे अनजान खेल में भी मेडल जीत कर यह कर दिखाया है। दरअसल, महाराष्ट्र में आयोजित इंटरनेशनल सेस्टोबॉल चैंपियनशिप 2022-23 में भारत भले की फाइनल मुकाबले में रनर अप रहा, लेकिन बेटियों की मेहनत और जुनून ने सबका दिल जीत लिया। इसी टीम में बिहार से लक्ष्मी प्रिया भी शामिल थीं। सिल्वर मेडल के साथ जब लक्ष्मी प्रिया अपने गांव लौटी तो गांव के साथ पूरे जिले ने खूब स्वागत किया। आपको बता दें कि अरवल के ही रौशन कुमार को पुरुष कैटेगरी में बेस्ट डिफेंडर का अवॉर्ड मिला है।
अंतरराष्ट्रीय सेस्टोबॉल चैंपियनशिप में लक्ष्मी प्रिया पूरे बिहार से इकलौती खिलाड़ी थीं, जिसका चयन भारतीय टीम में हुआ था। लक्ष्मी प्रिया ने कहा कि जब मेरा चयन फाइनल राउंड के लिए हुआ तो मेरे पास प्रैक्टिस करने के लिए ग्राउंड नहीं था। इसके बाद अपने घर से लगभग 10 किमी की दूरी पर स्थित अपने स्कूल दिल्ली पब्लिक स्कूल के ग्राउंड में जा कर प्रैक्टिस करती थी। फाइनल राउंड के चयन के दौरान स्कूल में एग्जाम भी थे। दोनों को मैनेज करना भी एक चुनौती थी। इस दौरान स्कूल के प्रिंसिपल का विशेष सपोर्ट रहा। क्लास के दौरान भी प्रैक्टिस करने के लिए लगातार जोर देते थे। स्कूल से छुट्टी होने के बाद देर रात तक प्रैक्टिस करवा अपने गाड़ी से घर छोड़ते थे। इसी स्कूल के शिक्षक अविनाश कुमार लक्ष्मी प्रिया के कोच भी हैं।
लक्ष्मी प्रिया के कोच अविनाश कुमार बताते हैं कि कम संसाधन के बावजूद घंटों पसीना बहाने के बाद लक्ष्मी पप्रिया का चयन भारतीय टीम में हुआ। अब वह सिल्वर मेडल लेकर वापस आई है। इसके बाद बेंगलुरु में वर्ल्डकप होने वाला है। इसमें गोल्ड मेडल लाने के लिए खूब मेहनत करेगी और बिहार का नाम रोशन करेगी। मालूम हो कि लक्ष्मी के पिता राजेश कुमार भारतीय सेना में कार्यरत हैं, तो वहीं माता सुनीता देवी गृहणी हैं। लक्ष्मी प्रिया के दादा भी भारतीय नौसेना में सेवा दे चुके हैं।
You must be logged in to post a comment.