आज शाम 3:30 बजे चुनाव आयोग 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा करेगी। चुनाव के घोषणा के बाद यह साफ हो जाएगा कि किस राज्य में कितने चरण में और कौन-कौन से तारीखों को वोटिंग होगी। साथ ही आज नामांकन, स्क्रूटनी, परिणाम आदि के तारीखों से जुड़ी जानकारी भी मिल जाएगी। आनेवाले दिनों में भारत के 5 राज्य उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, पंजाब और गोवा में विधानसभा के चुनाव होने है।
उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटें हैं जबकि उत्तराखंड में 70 सीटें हैं। इसके अलावा पंजाब में 117, मणिपुर में 60 तो गोवा में 40 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में 14 मई से पहले हर हाल में विधानसभा का चुनाव और नई सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी करने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग के कंधो पर आ चुकी है। उत्तर प्रदेश में कुल 403 विधानसभा सीटें हैं। पिछला विधानसभा चुनाव फरवरी-मार्च 2017 में हुआ था। बीजेपी की अगुवाई में एनडीए 325 सीटें जीतकर सत्ता में आयी थी।
पंजाब विधानसभा का कार्यकाल भी 27 मार्च 2022 को समाप्त हो रहा है। 117 सीटों वाले पंजाब में 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 77 सीटें जीतकर दस साल बाद सत्ता में लौटी थी जबकि शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी गठबंधन केवल 18 सीटों तक का आंकड़ा ही छू पाई थी। वहीं आम आदमी पार्टी 20 सीट जीतकर मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभर कर सामने आई थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने लेकिन चार साल के बाद कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर को हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया है। पंजाब में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन को 59 सीटों का आंकड़ा हासिल करना होगा। पंजाब विधानसभा चुनाव में इस बार राजनीति का अलग खेल देखने को मिलेगा पंजाब के बड़े चेहरे कैप्टन अमरिंदर सिंह जिन्होंने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए पंजाब में वोट मांगे थे। होने वाले चुनाव में वो कांग्रेस के वोट काटते नजर आएंगे।
बात करें पूर्वोत्तर के 60 सीटों वाले राज्य मणिपुर की तो वहां के विधानसभा का कार्यकाल 19 मार्च 2022 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में इससे पहले राज्य में सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी करनी जरूरी है। 2017 में मणिपुर विधानसभा चुनाव में बीजेपी 24 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप उभरी थी। वहीं कांग्रेस 17 विधायकों के साथ मुख्य विपक्षी दल बनी थी। बीजेपी ने एनपीपी, एलजेपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई और एन बीरेंद्र सिंह राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।
40 सीटों वाले गोवा की विधानसभा का – कार्यकाल 15 मार्च को समाप्त होने जा रहा है। राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव फरवरी 2017 में संपन्न हुआ था। जिसमे कांग्रेस 15 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, लेकिन वो सरकार बनाने में असमर्थ रही थी। बीजेपी ने 13 सीटें जीतीं और वो एमजीपी, जीएफपी व दो निर्दलीय विधायकों के सहारे सरकार बनाने में सफल हुए थे। मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री बने, लेकिन 17 मार्च 2019 को मनोहर पर्रिकर जी का निधन हो गया। जिसके बाद डॉ. प्रमोद सावंत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया।
70 सीटों वाले उत्तराखंड की बात करें तो उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 26 मार्च को खत्म हो रहा है। वर्ष 2017 में हुए पिछले विधान सभा चुनाव में उत्तराखंड में भाजपा ने 57 सीट जीतकर प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई थी, जबकि 11 विधायकों वाली काँग्रेस पार्टी विधान सभा में मुख्य विपक्षी दल बनी थी।
उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव के बीच एक राज्य चुनाव आयोग के लिए चुनौती बन गया है। दरअसल, मणिपुर में अब तक मात्र 45 फीसदी से कुछ ज्यादा लोगों को ही कोरोना के दोनों डोज लग पाए हैं। जबकि मात्र 57 फीसदी लोगों को पहला डोज लगा है।
ऐसे में संक्रमण के खतरे की आशंका और बढ़ रही है जो आयोग के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग कोरोना से बचाव की क्या रणनीति अपनाती है और 5 राज्यो में होनेवाले विधानसभा चुनाव को कैसे सफल कर पाती है।
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