राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव ने राजद से इस्तीफा देने का एलान किया है। उन्होंने कहा है कि वे जल्द ही अपने पिता और राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप देंगे। तेजप्रताप ने कहा है कि उन्होंने हमेशा अपने पिता के पदचिह्नों पर चलने का काम किया है और सभी कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया है। अपने ट्वीटर एकाउंट पर इसकी जानकारी देते हुए तेज प्रताप ने लिखा है कि मैं अपने पिता के नक्शे कदम पर चलता रहा हूं। सभी कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया जल्द अपने पिता से मिलकर अपना इस्तीफा दूंगा।
तेजप्रताप पर लगा मारपीट का आरोप।
दरअसल तेजप्रताप यादव पर कल ही बेहद गंभीर आरोप लगा था। युवा राजद के महानगर अध्यक्ष रामराज यादव ने कहा कि तेजप्रताप यादव ने उन्हें राबड़ी आवास के कमरे में बंद करके नंगा कर पीटा था। यह घटना उस दिन हुआ जिस दिन राबड़ी आवास में दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया गया था। जिसके बाद रामराज यादव ने राजद कार्यालय जाकर पार्टी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। उसके बाद कल दिन में तेजप्रताप यादव ने कहा था कि उनके खिलाफ प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, एमएलसी सुनील कुमार सिंह और तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव साजिश रच रहे हैं। अब उन्होंने एलान किया है कि वे पार्टी से खुद को अलग कर लेंगे। जिसके लिए आज वो पार्टी को अपना इस्तीफा सौंप देंगे।
लालू परिवार में नही चल रहा सब ठीक।
कुछ दिनों पहले तेजप्रताप यादव ने मीडिया में आकर अपनी ही पार्टी के एक एमएलसी सौरभ सिंह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। तेजप्रताप यादव ने कहा था कि सौरभ सिंह ने 50 लाख का बाथरूम बनवा कर एमएलसी चुनाव में टिकट लिया था। एमएलसी चुनाव में टिकट तो तेजस्वी यादव खुद बांट रहे थे। जाहिर है तेजप्रताप यादव किस पर निशाना साध रहे थे ये भी स्पष्ट हो गया था। इससे पहले भी तेजप्रताप यादव तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव पर मोटा पैसा कमाने का आरोप लगा चुके हैं। वे मीडिया में आकर कह चुके हैं कि संजय यादव ने बिहार में पैसा कमाकर दिल्ली में मॉल बनवा लिया। तेजप्रताप यादव ने कई दफे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को सरेआम जलील किया है। वे चुन चुन कर तेजस्वी के नजदीकी माने जाने वाले नेताओं पर निशाना साधते रहे हैं।
राजनीति का वारिस बनाना चाहते हैं
ये जगजाहिर है कि तेजप्रताप यादव खुद को लालू प्रसाद यादव की राजनीति का वारिस बनाना चाहते हैं। लेकिन पार्टी में उनकी एक नहीं चल रही है। कुछ महीने पहले तेजस्वी और तेजप्रताप के बीच आर-पार की लड़ाई की स्थिति हो गयी थी। लेकिन तेजस्वी की शादी के बाद से लगा कि युद्ध विराम हो गया है। लेकिन ये एकतरफा युद्धविराम साबित हुआ। तेजप्रताप यादव ने ऐसे कांडों को अंजाम दे दिया है कि अब तेजस्वी को जवाब देना मुश्किल होगा।
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