‘‘आप के पाप बेनकाब’’ – पंजाब मांगे जवाब!

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मीडिया को दिए अपने बयान में आम आदमी पार्टी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि अरविंद केजरीवाल चुप क्यों? – सामने आ जवाब देने से घबराए क्यों?

पंजाब चुनाव में आप और बीजेपी की मिलीभगत का हुआ पर्दाफाश।

उन्होंने कहा कि पंजाब के चुनाव में आम आदमी पार्टी और भाजपा की मिलीभगत का पर्दाफाश हो गया है। पराक्रम, वीरता और संघर्ष की भूमि पंजाब को आज ठगने का षडयंत्र किया जा रहा है। 20 फरवरी के चुनाव में पंजाब के जागरुक लोग ‘‘वोट की चोट’’ से इसका जवाब देंगे।

कुमार विश्वास ने दिया केजरीवाल को खुली चुनौती।

16 फरवरी, 2022 को आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल के निकटतम सहयोगी रहे, कुमार विश्वास ने अलगाववादी व खालिस्तानी ताकतों के साथ अरविंद केजरीवाल की तथाकथित सांठगांठ को लेकर संगीन आरोप लगाए थे। 17 फरवरी, 2022 को कुमार विश्वास ने एक बार फिर अरविंद केजरीवाल को खुली चुनौती देते हुए कहा कि वो सारे सबूत और व्हाट्सऐप मैसेज खुली बहस में किसी भी टेलीविज़न या सार्वजनिक मंच पर पेश करने को तैयार हैं।
इन सारी बातों से घबराई और छटपटाई आम आदमी पार्टी ने आनन-फानन में चुनाव आयोग को 17 फरवरी को यह दरख्वास्त दी कि कुमार विश्वास द्वारा पेश किए गए कोई भी वीडियो, व्हाट्सऐप मैसेज या सबूत न तो सार्वजनिक हों या न ही किसी टेलीविज़न या अखबार में दिखाए जाएं।

भाजपा और आम आदमी पार्टी के पक्ष में है चुनाव आयोग।

कमाल की बात यह है कि चुनाव आयोग ने भी (जो अक्सर भाजपा के प्रभाव और दबाव में काम करता है) आनन-फानन में इस पूरे मामले पर एकतरफा पाबंदी लगाने के आदेश जारी कर दिए। आम आदमी पार्टी की चुनाव आयोग को 17 फरवरी की दरख्वास्त और चुनाव आयोग द्वारा जारी पाबंदी के बाद जब चुनाव आयोग का चैतरफा विरोध शुरू हुआ व चुनाव आयोग द्वारा अरविंद केजरीवाल के हक में पूर्णतया गैरकानूनी आदेश जारी कर भाजपाई मदद का खुलासा हुआ, तो देर रात चुनाव आयोग को अपना पाबंदी आदेश वापस लेना पड़ा।

देश के लोगो से असलियत नही छिपा सकते अरविंद केजरीवाल।

मगर अरविंद केजरीवाल पर्दे के पीछे छिपकर पंजाब व देश के लोगों से असलियत नहीं छिपा सकते। अगर पंजाब व पंजाबियत के खिलाफ कोई षडयंत्र हुआ है, तो लोग उसका हिसाब मांगते हैं।

पंजाब व देश अरविंद केजरीवाल व आम आदमी पार्टी से 14 सवाल पूछता है-
1. क्या कुमार विश्वास के बयान के मुताबिक अरविंद केजरीवाल ने सत्ताप्राप्ति के लिए अलगाववादी संगठनों व खालिस्तान से जुड़े लोगों का साथ लिया था?
2. क्या कुमार विश्वास के बयान के मुताबिक अरविंद केजरीवाल अलगाववादियों के साथ मिलकर और जरूरत पड़ने पर पंजाब को देश से अलग कर एक अलग देश के प्रधानमंत्री बनने तक की सोच रखते थे?
3. क्या अरविंद केजरीवाल भगवंत मान और एचएस फुल्का का झगड़ा करवाकर चोर दरवाजे से पंजाब की सत्ता पर काबिज होना चाहते थे? क्या आज भी फिर वही षडयंत्र एक बार फिर पंजाब की जनता के साथ करने की मंशा है? क्या अरविंद केजरीवाल खुद पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं या फिर दिल्ली के इशारों पर नाचने वाले कठपुतली जैसे व्यक्ति को पंजाब की सत्ता पर चोर दरवाजे से काबिज करने का षडयंत्र कर रहे हैं?
4. क्या कारण है कि अरविंद केजरीवाल ऐसे चुप्पी साधे हैं, मानो उन्हें सांप सूंघ गया हो? क्या कारण है कि वह कुमार विश्वास की बात का जवाब नहीं दे रहे? क्या अरविंद केजरीवाल अब कुमार विश्वास की चुनौती को स्वीकार करेंगे, जिसके मुताबिक कुमार विश्वास ने सारे सबूत और व्हाट्सऐप चैट खुले मंच पर रख बहस करने की चुनौती दी है?
5. क्या झूठे इल्ज़ाम लगाना, फिर मुकर जाना – माफी मांगना ही अरविंद केजरीवाल का असली चेहरा है?
6. क्या यह सही नहीं कि 2017 के चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने अकाली नेता, बिक्रम मजीठिया को ड्रग माफिया का सरगना बता बड़े-बड़े दावे किये, वाहवाही लूटी और हथकड़ी लगा जेल तक भेजने की बात कही, और फिर 15 मार्च, 2018 को लिखित तौर से बिक्रम मजीठिया से लिखित माफी मांगी?
7. क्या यह सही नहीं कि केजरीवाल ने पूर्व वित्तमंत्री, अरुण जेटली पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और 02 अप्रैल, 2018 को अरविंद केजरीवाल,राघव चड्ढा, संजय सिंह व अन्य ने गलत आरोपों के लिए लिखित में माफी मांगी?

8. क्या यह सही नहीं कि अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के पूर्व अध्यक्ष, नितिन गडकरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के इल्ज़ाम लगाए और 19 मार्च, 2018 को गलत आरोपों के लिए लिखित में माफी मांगी?
9. क्या यह सही नहीं कि अरविंद केजरीवाल ने कपिल सिब्बल, कांग्रेस सांसद के परिवार पर मनगढ़ंत और बेबुनियाद इल्ज़ाम लगाए तथा अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया ने 19 मार्च, 2018 को गलत आरोपों के लिए सिब्बल से लिखित में माफी मांगी?
10. क्या यह सही नहीं कि सत्ताप्राप्ति की दौड़ में अंधे होकर अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने पवित्र स्वर्ण मंदिर की तस्वीर तक को अपनी पार्टी की किताब में छापकर प्रचार किया तथा 19 जुलाई, 2016 को माफी मांगी व स्वर्ण मंदिर के सामुदायिक लंगर में सेवा कर पश्चात्ताप किया?
11. क्या यह सही नहीं कि जब भाजपा और नरेंद्र मोदी किसान का खेत खलिहान बेच देने के तीन खेती विरोधी काले कानून लाई, तो अरविंद केजरीवाल अकेले गैरभाजपाई मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने पहले काले कानून को लागू करने का दिल्ली में नोटिफिकेशन जारी कर दिया?
12. क्या यह सही नहीं कि साल, 2017 में पंजाब में आम आदमी पार्टी के सब चेहरों को अरविंद केजरीवाल ने अपने तानाशाही रवैये के चलते दूध से मक्खी की तरह निकालकर फेंक दिया, फिर वो चाहे सरदार एच. एस. फुल्का हों, सुचा सिंह छोटेपुर हों, सरदार सुखपाल खैरा हों, डाॅ. धरमवीर गांधी हों, सरदार हरिंदर सिंह खालसा हों, सरदार गुरप्रीत सिंह घुग्गी हों या सैकड़ों अन्य नेता? क्या यह सही नहीं कि अरविंद केजरीवाल के तानाशाही रवैये के चलते 2017 में चुने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों में से 11 विधायक पार्टी छोड़कर चले गए।
13. क्या यह सही नहीं कि श्री अरविंद केजरीवाल के बदलते सिद्धांतों, विचारधारा और घोर मनमानीपूर्ण रवैये के चलते आम आदमी पार्टी के संस्थापक, श्री प्रशांत भूषण, श्री योगेंद्र यादव, श्री कुमार विश्वास, श्री आशुतोष, श्री आशीष खैतान व अन्य को पार्टी से ही दरकिनार कर दिया गया?
14. क्या यह सही नहीं कि अरविंद केजरीवाल पंजाब आकर तो सिखों और हिंदू खत्रियों की भलाई की बड़ी-बड़ी डींगें मारते हैं, परंतु दिल्ली के खुद के मंत्रीमंडल में केजरीवाल ने एक भी सिख या हिंदू खत्री को मंत्री बना नुमाईंदगी नहीं दे रखी?

15. क्या यह सही नहीं कि अरविंद केजरीवाल पंजाब में रोजगार पैदा करने की बड़ी-बड़ी डींगें मारते हैं, पर दिल्ली के लगभग 20,000 गेस्ट टीचर 7 साल से दिल्ली की सड़कों पर धक्के खा रहे हैं, विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और केजरीवाल को उन्हें पक्का करने का साल 2014 का वादा याद दिला रहे हैं?
16. क्या यह सही नहीं कि अरविंद केजरीवाल पंजाब के कर्मचारियों के झूठे हितैषी बनने का स्वांग रच रहे हैं, तो दूसरी ओर लगभग 22,000 आंगनवाड़ी वर्कर और आंगनवाड़ी सहायिका बहनें कई हफ्तों से अरविंद केजरीवाल के निवास के बाहर सर्दी और धूप में प्रदर्शन करने और धक्के खाने को मजबूर हैं क्योंकि केजरीवाल आंगनवाड़ी वर्कर और आंगनवाड़ी सहायिकाओं की तनख्वाह ₹9,600 और ₹4,800 से बढ़ा ₹25,000 करने की मांग पूरा करना तो दूर, दिल्ली की बहन-बेटियों से मिलने तक को तैयार नहीं

17. दिल्ली के प्रदूषण के लिए अरविंद केजरीवाल पंजाब के किसानों पर पराली जलाने का दोष मढ़ कर पंजाब के अन्नदाता को बदनाम क्यों करते हैं?
पंजाब के लोग निर्णय करें कि क्या वो ऐसे अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर विश्वास कर सकते हैं!

अतिथियों का स्वागत एवं मंच का संचालन आनन्द माधव एआईसीसी कोऑर्डिनटर इंचार्ज मीडिया एवं संचार;पंजाब चुनावद्ध ने किया।प्रेस वार्ता में जिला प्रधान ;शहरीद्ध बलराज ठाकुरए जिला प्रधान ;देहातीद्ध दर्शन सिंह, टहलीए हार्जिनदर सिंह, लाड़ाए राजकुमार राजू,नीरज कुमार,राहुल रंजन एवं नवदीप पवार आदि उपस्थित रहे।