बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भेजा है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष और सुधाकर सिंह के पिता जगदानंद सिंह ने कृषि मंत्री के इस्तीफे की पुष्टि कर दी है। जगदानंद सिंह ने कहा है कि वो नहीं चाहते थे कि लड़ाई आगे बढ़े। ऐसे में सुधाकर सिंह का पद छोड़ देना ही उचित कदम होगा। उन्होंने कहा कि सुधाकर ने किसानों का सवाल उठाया है। मंडी व्यवस्था किसानों को बचाने की नीति रही है, उसे लागू करने की नीति राजद की पुरानी नीति रही है।
नोक झोंक से शुरू हुआ यह खेल…..
महागठबंधन की सरकार में राजद कोटे से मंत्री बने सुधाकर सिंह का व्यवहार काफी विवादास्पद रहा है। वो अपने ही विभाग पर लगातार हमले कर रहे थे। उन्होंने पूरे विभाग को चोर तक कह डाला था। इस बात को लेकर उनकी कैबिनेट की बैठक में नीतीश कुमार से बहस भी हो गयी थी। हालांकि दोनों पक्षों ने खुल कर उस बहस को स्वीकार नहीं किया।
भ्रष्टाचार के बहाने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके सुधारकर सिंह का इस्तीफा तय माना जा रहा था। वो लगातार सरकार पर हमले कर रहे थे। यहां तक कि उन्होंने पिछले दिनों नीतीश की नीति को मानने से इनकार कर दिया था। उनहोंने कहा था कि वो जिस नीति को पिछले 17 वर्षों से मानते आ रहे हैं, उस पर ही काम करेंगे।
नीतीश सरकार को नेता मानने से किया था इनकार
जितनी चर्चा सुधाकर सिंह के बयानों को लेकर हो रही थी, उतनी ही चर्चा अब उनके इस्तीफे को लेकर हो रही है। इस चर्चा का कारण है उनका डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पास इस्तीफा भेजना, न की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास। कैबिनेट के मुखिया होने के नाते नियमानुसार इस्तीफा मुख्यमंत्री के पास भेजा चाहिए था। लेकिन सुधाकर सिंह ने ऐसा नहीं किया। इसके पीछे एक कारण नीतीश कुमार से उनकी नाराजगी भी मानी जा रही है। वहीं दूसरी वजह कुछ दिन पहले दिए गए उस बयान में भी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके नेता लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव हैं। उनकी वजह से वह मंत्री बने हैं। उनके नेता नीतीश कुमार नहीं है।
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