बिहार में अफसरों के अपने अधीनस्थों को गाली देने और अपशब्द कहने को लेकर अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीधी प्रतिक्रिया दी…

 सीएम नीतीश का कहना है कि ऐसे मामलों में अपनी बात सार्वजनिक मंच पर नहीं कहनी चाहिए। बल्कि अपने आला अधिकारियों से बात करनी चाहिए। मौखिक या लिखित दोनों तरह से शिकायत की जा सकती है। ट्वीट करना कोई उपाय नहीं है।

समाधान यात्रा के तहत शुक्रवार को पूर्णिया और मधेपुरा पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कई बातें कहीं। इस दौरान मीडिया ने आइपीएस अफसर एवं आइजी विकास वैभव की ओर से महिला आइपीएस अधिकारी एवं डीजी शोभा ओहटकर पर गाली देने का आरोप लगाए जाने को लेकर सवाल पूछ लिया।

इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम सबको कह देते हैं कि कोई कुछ बोलता है तो पूरी जांच करा लीजिए, देख लीजिए; क्या मामला है। लेकिन आप जानते हैं, एक बात आप अच्छी तरह जान लीजिए। कोई भी नौकरी करता है, ऑफिसर है, ये उसका काम ट्वीट करना नहीं है। ये सबसे गंदी चीज है। उसको अगर कोई समस्या है तो अपने डिपार्टमेंट को या सीनियर जगहों पर आ करके अपनी समस्या बतानी चाहिए। यही ना है। निजी तौर पर बतानी चाहिए। उसको किसी भी चीज को सार्वजनिक रूप से नहीं घोषित करना चाहिए। ये है कानून। आप जरा अच्छी तरह जान लीजिए। आपके ऊपर कोई समस्या है तो सही जगह पर जा करके अपनी प्रॉब्लम बता दीजिए, तुरंत उस पर देखा जाता है। लेकिन अभी तो विचित्र बात है। अभी ट्वीट कर देगा; कोई कुछ लिख देगा; कुछ कर देगा तो ये सब न ज्यादा चर्चा होती है। कोई मतलब है? तो खैर इसके बावजूद हमने कहा है कि कोई भी बात है, हमने कह दिया है अधिकारियों को कि सब चीज को देख लीजिए और देखने के बाद क्या है; तब हमको बताइए।