बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दरबार कार्यक्रम के दौरान सोमवार को काफी गुस्से में दिखे। अलग-अलग विभागों से जुड़े मामलों की सुनवाई करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कई बार अधिकारियों की क्लास लगा दी। उस वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गुस्सा विभागीय प्रधान सचिव पर उतर गया जब उनके सामने एक फरियादी ने धमकी मिलने का मामला उठाया।
मिल रही है जान से मारने की धमकियां
इंदिरा आवास से जुड़े एक मामले को लेकर जनता दरबार में आये एक युवक ने सीएम नीतीश कुमार बताया कि इंदिरा आवास मांगने पर उसे जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। फरियादी युवक की बात सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हैरत में पड़ गये। दरअसल युवक ने मुख्यमंत्री के सामने यह कहा कि साल 2017 में उसका घर जल गया था, घर जलकर खत्म होने के बाद उसने इंदिरा आवास योजना के तहत मदद की गुहार लगायी, लेकिन उसे अब आवास की जगह धमकियां मिल रही हैं। युवक का कहना है कि योजना से जुड़े कुछ लोग उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।
उस पर पहल क्यों नहीं की गयी
युवक ने जब इतनी बात मुख्यमंत्री के सामने कहीं तो मुख्यमंत्री ने तत्काल बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को तलब किया। उन्हें अपने पास बुलाया मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देखिए जरा क्या हो रहा है। सीएम ने कहा कि अगर कोई आवास मांगता है, तो उसे धमकी कौन दे रहा है। यह मामला अगर लोक शिकायत निवारण में गया, तो फिर उस पर पहल क्यों नहीं की गयी।
धमकी मिलना गंभीर मामला है
मुख्यमंत्री जब यह बात मुख्य सचिव को कह रहे थे तो उनके प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा कि युवक को 2008 में इंदिरा आवास का लाभ मिला है, लेकिन इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस मामले पर गंभीरता से निर्णय लेने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि किसी को जान की धमकी मिलना गंभीर मामला है। इसे देखिए और कार्रवाई कीजिए।
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