बिहार विधानसभा बजट सत्र के दौरान एनआरसी-एनपीआर को लागू न करने का प्रस्ताव क्या पारित हुआ, सियासी घमासान मचा हुआ है। एक तरफ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जहां इसे आरजेडी टीम की जीत बता रहे हैं, वहीं महागठबंधन के घटक दलों में हलचल पैदा हो गयी है। पहले रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने जहां अपने संघर्षों की याद दिलाई, वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी खुद अपना स्थान तय करने में जुट गये हैं।
मांझी के बयान से बढ़ी तेजस्वी की मुश्किलें!
जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से बयान देकर तेजस्वी की मुश्किलों को बढ़ाने को कोशिश की है। मांझी ने बुधवार को कहा कि सीएम नीतीश कुमार बिहार के लिए सबसे बड़े सीएम फेस हैं। जीतन राम मांझी एक बार फिर से सीएम नीतीश को महागठबंधन में आने का न्यौता दे दिया है।
जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने जो साहसिक कदम उठाया है उसकी उम्मीद नहीं थी उन्होंने एनपीआर और एनआरसी पर प्रस्ताव लाकर सबको चौका कर रख दिया है। ऐसे में अब कयासबाजी तेज हो गयी है कि क्या फिर से उन्हें नीतीश कुमार का नेतृत्व अच्छा लगने लगा है।
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