बक्सर गंगा में फिर बहते मिले एक साथ 4 शव, याद आया कोरोना का भयावह मंजर।

बिहार के बक्सर में गंगा नदी में चार शव मिलने से जिले में हड़कंप मच गया। शहर के रामरेखा घाट पर एक साथ 4 लाशें मिलने की सूचना पर प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर आम लोगों में दहशत फैल गई। आनन-फानन में एसडीएम धीरेंद्र मिश्रा ने लाशों का निस्तारण करने के लिए नगर परिषद के अधिकारियों को आदेश दिया। लेकिन घंटों समय बीत जाने के बाद भी नगर परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों ने संज्ञान नहीं लिया। इस तरह एक साथ लाशें मिलने से लोगों को कोरोनाकाल का भयावह मंजर याद आ गया।

बक्सर में गंगा किनारे फिर मिले चार शव: बक्सर का रामरेखा घाट (Ramrekha Ghat of Buxar) पर हो रहे घाट निर्माण में मजदूर के तौर पर काम कर रहे सत्येंद्र मेहता और अजय कुमार सिंह ने बताया कि वो वहां काम कर रहे थे तभी किसी ने यह बताया कि गंगा में शव बह रहा है, जिसके बाद उन्होंने देखा तो एक नहीं बल्कि चार शव गंगा के किनारे बह रहे थे। जिनमें तीन पुरुष और एक महिला का शव है।

एसडीएम की पहल पर लाशों को हटाया गया: मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह पटना में किसी मीटिंग में व्यस्त हैं, लेकिन नगर परिषद के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो लाशों का निस्तारण कराए। आलम यह है कि घंटों बाद भी जब नगर परिषद का कोई अधिकारी रामरेखा घाट नही पहुंचे तो एसडीएम की पहल पर उन लाशों को हटाया गया।

याद आया कोरोनाकाल का खौफनाक मंजर: बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में जिले के चौसा प्रखंड अंतर्गत महादेवा घाट से 10 मई 2021 को एक साथ सैकड़ों लाशें गंगा नदी में तैरती हुई मिली थी। जिसे आवारा कुत्ते अपना निवाला बना रहे थे, एक बार फिर बक्सर चर्चा में है। एक साथ 4 इंसानों की लाशों को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है। भारत सरकार के द्वारा गंगा की स्वच्छता पर अब तक 20 अरब से ज्यादा की राशि खर्च की जा चुकी है। उसके बाद भी साफ सफाई के नाम पर चारों तरफ मवेशियों और इंसानों की लाशें पड़ी हुई मिलती है। अधिकारी बड़े-बड़े दावे करने में लगे हुए हैं। लेकिन गंगा में फिर से बहती लाशें यह बताने के लिए काफी है कि हम गंगा की स्वच्छता को लेकर कितना गम्भीर हैं।