टली बड़ी घटना,मुख्यमंत्री और अधिकारियों के सूझ बूझ से ऐसे विश्वेश्वरैया भवन के आग पर पाया जा सका काबू।

पटना के विश्वेश्वरैया भवन में लगी आग पर काफी देर तक पूरी तरह काबू नहीं पाये जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार की शाम साढ़े पांच बजे स्वयं घटना स्थल पर पहुंचे। विश्वेश्वरैया भवन परिसर में मुख्यमंत्री 30 मिनट रहे और उन्होंने पूरी स्थिति का जायजा लिया। आग बुझाने को लेकर अपनाई गई प्रक्रिया और संसाधनों के संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा अफसरों से पूरी जानकारी ली गई और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गए।

मुख्यमंत्री ने पहले परिसर के मुख्य द्वार के सामने से आग की स्थिति का जायजा लिया। फिर वे भवन के पीछे की ओर भी गये और निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री को अग्निशमन की टीम ने आग पर काबू पाने के लिए तत्परतापूर्वक की गई कार्रवाई के संबंध में बताया।

इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वेश्वरैया भवन में आग लगने की खबर मिलने के बाद हमने इस संबंध में पूरी जानकारी ली है। अग्निशमन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने आग पर काबू पाने को लेकर लगातार कोशिश की है। इतनी देर तक आग का जारी रहना, अपने आप में एक अलग तरह की घटना है। कभी इतनी देर तक किसी सरकारी भवन में आग लगी रहने के बारे में न देखा था और न सुना था।

इसलिए हमने घटना स्थल पर पहुंचकर जायजा लेने का फैसला किया। अग्निशमन विभाग ने आग पर काबू पाने को लेकर पूरी कोशिश की है। इस तरह की घटना आगे न हो, इसको लेकर जो भी जरूरी उपकरण हैं, उसे यहां उपलब्ध कराया जायेगा।



सुबह से रात तक 250 कर्मियों की ऊर्जा से बुझी आग
विश्वेश्वरैया भवन में लगी भयंकर आग को बुझाने के लिये पुलिस के 110 जवानों, 70 फायरकर्मियों, 54 एनडीआरएफ और 14 एसडीआरएफ के जवानों को लगाया गया। यहां 50 दमकल की गाड़ियां पहुंची थीं। फायर ब्रिगेड के जवानों ने जान पर खेल कर आग को काबू में किया। होमगार्ड डीजी शोभा अहोतकर 10 घंटे से अधिक समय तक मौके पर मौजूद रहीं। बार-बार उठ रहीं आग की लपटों को काबू में करना दमकल कर्मियों के लिये एक बड़ी चुनौती बन गयी थी। आखिरकार शाम पांच बजकर 10 मिनट पर आग की लपटों को काबू में किया गया लेकिन धुआं लगातार उठता रहा।