भारतीय वायुसेना का बाहुबली फाइटर जेट राफेल औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना के 17वें स्क्वाड्रन, ‘गोल्डन ऐरो’ का हिस्सा बन चुका है. अंबाला वायुसेना बेस में राफेल विमान का औपचारिक अनावरण ‘सर्व धर्म पूजा’ के साथ किया गया. इस समारोह में शामिल होने के लिए फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले अपने 80 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आईं.
आर्म्स फोर्सिज सहित सभी देशवासियों को बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राफेल इंडक्शन सेरेमनी को संबोधित करते हुए कहा कि वायुसेना में राफेल का शामिल होना एक ऐतिहासिक क्षण है। इस अवसर पर मैं अपनी आर्म्स फोर्सिज सहित सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। हम दोनों ने एक दूसरे को समझा है। भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक भागीदारी है जो समय के साथ मजबूत हो रही है। मजबूत लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था और सम्पूर्ण विश्व में शांति की कामना, हमारे आपसी संबंधो के आधार हैं। राफेल इंडक्शन पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा और कड़ा संदेश है, खासकर हमारी संप्रभुता पर नजर रखने वालों के लिए। हमारी सीमाओं पर हाल के दिनों में जो तनाव का माहौल बना है, ऐसे समय पर ये इंडक्शन अहम है। अपनी हालिया विदेश यात्रा में, मैंने भारत के दृष्टिकोण को दुनिया के सामने रखा। मैंने सभी को किसी भी परिस्थिति में अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं करने के अपने संकल्प के बारे में अवगत कराया। हम इसके लिए हर संभव कोशिश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
2022 तक भारत को मिलेंगे 36 राफेल जेट
भारतीय वायुसेना के बेडे़ में राफेल विमानों के शामिल होने पर एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि राफेल जहां भी और जब भी तैनात होगा, वह दुश्मनों पर भारी पड़ेगा. भारत और फ्रांस के साथ हुए करार के मुताबिक 2022 तक भारत को 36 राफेल जेट भारत को मिल जाएंगे. पहले 18 राफेल जेट अंबाला एयरबेस में रखे जाएंगे, जबकि बाकी के 18 विमान पूर्वोत्तर के हाशीमारा में तैनात किये जाने का प्लान है.
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