बिहार में फिर ‘नीतीशे कुमार’, दिल्ली BJP मुख्यालय में पहुंचेंगे पीएम मोदी और जेपी नड्डा, मोदी ने बिहार की जनता को दी बधाई, शाह बोले- खोखले वादे खारिज

बिहार विधानसभा के चुनाव में एनडीए को स्पष्ट बहुमत हासिल हुआ है. नीतीश कुमार चौथी बार बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे. लेकिन कुछ सीटों से सत्ता से दूर रह गई राजद ने चुनाव परिणाम में धांधली का आरोप लगाया है और चुनाव आयोग से शिकायत की है. चुनाव आयोग के मुताबिक एनडीए ने 125 सीटें जीती हैं, जो बहुमत के लिए जरूरी 122 सीटों से तीन अधिक है. वहीं महागठबंधन ने 110 सीटों पर जीत हासिल की है. इस चुनाव में 75 सीटों को जीतकर RJD सबसे बड़ी पार्टी बनी है. वहीं 74 सीट जीतकर BJP दूसरे स्सथान पर है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, बिहार के गांव-गरीब, किसान-श्रमिक, व्यापारी-दुकानदार, हर वर्ग ने NDA के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मूल मंत्र पर भरोसा जताया है. मैं बिहार के हर नागरिक को फिर आश्वस्त करता हूं कि हर व्यक्ति, हर क्षेत्र के संतुलित विकास के लिए हम पूरे समर्पण से निरंतर काम करते रहेंगे.

उन्होंने कहा, बिहार ने दुनिया को लोकतंत्र का पहला पाठ पढ़ाया है.आज बिहार ने दुनिया को फिर बताया है कि लोकतंत्र को मजबूत कैसे किया जाता है. रिकॉर्ड संख्या में बिहार के गरीब, वंचित और महिलाओं ने वोट भी किया और आज विकास के लिए अपना निर्णायक फैसला भी सुनाया है.

बिहार चुनाव में चला मोदी का जलवा बरकरार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा ने इस बार के चुनाव को काफी प्रभावित किया. प्रधानमंत्री इस चुनाव में चार बार बिहार आये. उनकी 12 सभाएं हुई. वो जिन-जिन क्षेत्रों में चुनावी सभाएं की, उनमें से अधिकतर सीटें भाजपा की झोली में आयी. जदयू व एनडीए के दूसरे घटक दल के उम्मीदवार भी चुनाव जीतने में सफल रहे. सबसब खराब हाल में नगर विकास मंत्री और भाजपा नेता सुरेश शर्मा रहे. मुजफ्फरपुर विधानसभा सीट पर सुरेश शर्मा को कांग्रेस के विजेंद्र चौधरी ने पराजित कर दिया.

 

अमित शाह ने ट्वीट के जरिए विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा है. अमित शाह ने ट्वीट के जरिए कहा कि, बिहार की जनता ने खोखलेवादे, जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति को सिरे से नकार कर NDA के विकासवाद का परचम लहराया है.

जीडीएसएफ ने 7 सीट जीतकर  उपस्थित दर्ज की

ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्यूलर फ्रंट (जीडीएसएफ) ने सात सीट जीतकर अपनी दमदार उपस्थित दर्ज करायी है. हालांकि छह दल वाले इस फ्रंट के नेता और सीएम पद के चेहरा उपेंद्र कुशवाहा खुद कोई कमाल नहीं कर सके. उनकी पार्टी रालोसपा सभी सीट हार गयी है. रालोसपा पिछली बार एनडीए के साथ 23 सीटों लड़ी थी और दो सीटों पर जीत मिली थी. कुल मतदान का 2.56 फीसदी वोट हासिल किये थे. इस बार 104 सीटों पर लड़ी, सीट ही नहीं हारी बल्कि कुल 1.77 फीसदी ही वोट हासिल कर सही. हालांकि जीडीएसएफ कई सीटों पर महागठबंधन का गणित बिगाड़कर उसे सत्ता से अलग करने में जरूर कामयाब रहा है. सीमांचल क्षेत्र में यादव-मुस्लिम और यूपी से सटे जिलों में दलित वोटों में सेंध लगायी है. बसपा ने दो सीट और एआईएमआईएम ने पांच सीटों पर जीत हासिल की है