जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई टीबी फोरम की बैठक ।

बैठक की समीक्षा में पाया गया कि जिला अंतर्गत जनवरी 2021 से नवंबर 2021 तक टीबी मरीजों की संख्या 15964 है। जिलाधिकारी ने वैसे डॉक्टर , केमिस्ट एवं लैब जो टीबी मरीजों की इलाज करते हैं , उन्हें निश्चित रूप से मरीजों के बारे में विधिवत रूप से सरकार को सूचित करने का निर्देश दिया ताकि मरीजों को लाभान्वित किया जा सके। सरकारी रूप से टीबी मरीज के चिन्हित हो जाने के उपरांत उन्हें निशुल्क जांच, नि:शुल्क इलाज एवं प्रतिमाह ₹500 की दर से इलाज के दौरान राशि मिलती है। इस कार्य को सुनिश्चित कराने हेतु जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन पटना को वैसे चिकित्सक/ केमिस्ट/ लैब के साथ बैठक करने तथा टीबी मरीजों के हित में समाधान करने का निर्देश दिया।

टीबी मरीजों के लिए सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना लागू है। इस योजना के तहत हर टीबी मरीज को इलाज के दौरान प्रतिमाह ₹500 देय है। जिला अंतर्गत 15964 मरीजों में से 5109 टीबी मरीज को प्रथम किश्त दिया गया है। कुल 66.8 लाख का भुगतान किया गया है। अब 10000 अन्य लाभुकों का भी बैंक डिटेल तैयार है जिसका मॉनिटरिंग कर भुगतान करने का निर्देश दिया गया। शेष अन्य लाभुकों का भी आवश्यक विवरणी प्राप्त कर अग्रेत्तर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को पीएचसी स्तर पर मॉनिटरिंग कर प्रगति लाने का निर्देश दिया।

बैठक में अवगत कराया गया कि टीबी का मुख्य कारण गरीबी कुपोषण अज्ञानता है। इसलिए इस रोग की जांच एवं समुचित इलाज आवश्यक है।
जिलाधिकारी ने टीबी मरीज को शुरुआती दौर में ही जांच कराने की आवश्यकता पर बल दिया जिससे मरीज को साधारण टीवी या एमडीआर टीवी का उपयुक्त इलाज किया जा सके।

जिलाधिकारी ने टीवी मरीज के हित में रोग के कारण लक्षण एवं प्रभाव तथा डॉट्स(DOTS) इलाज के बारे में व्यापक जन जागरूकता के तहत प्रचार प्रसार करने पर बल दिया। इसके लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा अस्पतालों में जनहित में होर्डिंग फ्लेक्स द्वारा प्रचारित करने का निर्देश दिया ।

बैठक में सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी, डब्ल्यूएचओ कंसलटेंट डॉ उमेश त्रिपाठी, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ जेपी मंडल, पीएमसीएच के यक्ष्मा विभाग के डॉ बीके अग्रवाल डीपीसी श्रीमती प्रीति जोशी सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।