बिहार में गन्ना के फसलों को बढ़ावा देने एवम् गन्ना के फसलों में गुणात्मक वृद्धि हेतु गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक, बैठक में लिए गए कई बड़े फैसले।

बिहार सरकार के गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार की अध्यक्षता में आज वित्तीय वर्ष 2021-22 में विभाग द्वारा कार्यान्वित योजनायें एवं इससे संबंधित अन्य विषयों पर समीक्षा हेतु ऑनलाईन बैठक की गई। इस बैठक में डा. एन. सरवन कुमार, सचिव, गन्ना उद्योग विभाग, गिरिवर दयाल सिंह, ईखायुक्त, बिहार,ओंकार नाथ सिंह, संयुक्त निदेशक, ईख विकास, जय प्रकाश नारायण सिंह, संयुक्त ईखायुक्त, बिहार के साथ अन्य विभागीय पदाधिकारी तथा गन्ना अनुसंधान संस्थान, पूसा के निदेशक एवं कृषि विज्ञान केन्द्र तथा चीनी मिलों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।

बैठक में गुणवत्ता वाले गन्ना के चयनित प्रभेदों के अलावा अन्य चार उन्नत प्रभेदों के adaptive trial के बिन्दु पर विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री गन्ना विकास कार्यक्रम 2021-22 अंतर्गत Co-15023 (Early), CoLK-14201 (Early), CoS-13235 (Early ) एवं Co-12029 प्रभेद का Agroclimatic Zone में ट्रायल / परीक्षण शीघ्र कराने हेतु संबंधित चीनी मिलों एवं सहायक निदेशक, ईख विकास को निदेशित किया गया। बीज की उपलब्धता हेतु पत्र गन्ना आयुक्त, उत्तर प्रदेश, लखनऊ / मुख्य वैज्ञानिक, गन्ना प्रजनन संस्थान केन्द्र – करनाल, हरियाणा एवं निदेशक, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ को भेजा गया है। उक्त चार प्रभेद के अतिरिक्त COLK-15466 का भी ट्रायल / परीक्षण कराने पर चर्चा किया गया। बैठक में सचिव द्वारा गन्ना प्रभेद के चयन एवं टिशु कल्चर लैब के कार्यान्वयन के संबंध में वैज्ञानिकों एवं चीनी मिलों के साथ एक बैठक करने का आदेश दिया गया।

बैठक में गन्ना के क्षेत्रफल को बढ़ाने पर चर्चा की गई। बिहार राज्य में इथेनॉल उत्पादन के मद्देनजर उन्नत किस्म के गन्ना क्षेत्र को बढ़ाने के संबंध में चीनी मिल प्रबंधकों को निदेश दिया गया। मुख्यमंत्री गन्ना विकास कार्यक्रम 2021-22 अंतर्गत चलायी जा रही ईख विकास योजनाओं का भी समीक्षा किया गया। वित्तीय वर्ष 2021-22 में उपलब्ध राशि से प्रभारी पदाधिकारी, IISR, लखनऊ केन्द्र मोतीपुर को निदेश दिया गया कि CoLK-12207. CoLK-12209 प्रभेद के बीज को चीनी मिल एवं कृषि विज्ञान केन्द्र में लगवाया जाय। सभी चीनी मिलों एवं सहायक निदेशक, ईख विकास को निर्देशित किया गया कि लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि प्राप्त किया जाय तथा राशि की निकासी की जाय।