सिट्रैंग चक्रवात बांग्‍लादेश, भारत में पश्‍च‍िम बंगाल, झारखंड और बिहार में दिखा रहा असर……..

बंगाल की खाड़ी से उठा सिट्रैंग (सितरंग) चक्रवात बांग्‍लादेश के समुद्री तट पर भारी तबाही मचा रहा है। इसका अधिक असर भारत में पश्‍च‍िम बंगाल और उत्‍तर पूर्व के राज्‍यों में दिख रहा है। झारखंड और पश्चिम बंगाल के रास्‍ते इस चक्रवात  का थोड़ा असर बिहार में भी दिखेगा।

बिहार में सिट्रैंग चक्रवात के कारन बदलेगा मौसम …….

सिट्रैंग चक्रवात से बिहार के मौसम में भी हल्‍का बदलाव होने के आसार हैं। इस तूफान का असर बिहार के कुछ हिस्‍सों में 26 अक्‍टूबर बुधवार तक देखने को मिल सकता है। इसके बाद मौसम पूरी तरह शुष्‍क हो जाएगा। कोलकाता के मौसम विज्ञान केंद्र से जारी क्षेत्रीय पूर्वानुमान में बताया गया है कि 29 अक्‍टूबर के बाद मौसम में फिर से हल्‍का बदलाव संभव है।

बिहार के इन जिलों में बारिश होने आसार ……

 

सिट्रैंग चक्रवात के कारण बिहार के पूर्वी हिस्‍से में मौसमी बदलाव देखने को मिल सकता है। पटना के मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया है कि उत्‍तर पूर्व बिहार के सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार के साथ ही दक्षिण पूर्व बिहार के भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर, खगड़ि‍या आदि जिलों में कुछ स्‍थानों पर वर्षा हो सकती है।

कैसे पड़ा सिट्रैंग नाम …..

तूफानों के नामकरण के लिए एक वैश्‍व‍िक व्‍यवस्‍था है। इसके तहत स्‍थानीय देश भविष्‍य में आने वाले तूफान और चक्रवात के लिए नामों की सूची पहले से ही तैयार कर लेते हैं। क्रम संख्‍या के आधार पर तूफान का नामकरण होता है। सिट्रैंग नाम वर्ष 2020 में ही चुन लिया गया था। सिट्रैंग थाईलैंड से हुआ नामकरण है।

हिंद महासागर में उठने वाले तूफानों का  ये 13 देश मिलकर करते हैं नामकरण…….

हिंद महासागर में उठने वाले तूफानों का नामकरण 13 देश मिलकर करते हैं। इनमें भारत के अलावा बांग्‍लादेश, ईरान, म्‍यांमार, ओमान, पाकिस्‍तान, श्रीलंका, थाईलैंड, यूनाइटेड अरब अमीरात, यमन, मालदीव, कतर और सउदी अरब शामिल हैं।