वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 1 नवंबर से हो जाएगा जंगल सफारी का आगाज, दर्जनों दुर्लभ प्रजाति के जानवरों का लुत्फ उठा पाएंगे पर्यटक….

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी की शुरुवात आगामी एक नवंबर से हो जायेगी। इसी के साथ राज्य में पर्यटन सत्र की भी शुरूवात हो जाएगा। इसके लिए बीटीआर प्रशासन ने तैयारी भी शुरू कर दिया है। सफारी के लिए रास्ते को दुरुस्त कराया जा रहा है। पर्यटक जंगल सफारी, ई रिक्शा, साइकिल, पाथवे समेत इको टूरिज्म का लुत्फ उठा सकेंगे। इसके लिए वीटीआर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है।

बारिश ने बढ़ाई परेशानी तो आदमखोर बाघ की भी चर्चाएं नही है कम…

बारिश की वजह से इस बार पर्यटन सत्र 15 दिन देरी से शुरू हो रहा है। बारिश के कारण जंगल सफारी के लिए रास्ते को दुरुस्त नहीं किया जा सका था। लेकिन जैसे ही बारिश खत्म हुई है रास्ते दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया गया है। वीटीआर खोलने को लेकर अन्य तैयारी चल रही है।

बता दें कि इस बार बारिश के साथ आदमखोर बाघ ने पर्यटन सत्र देरी करने में भूमिका निभाई। 28 दिनों तक वन विभाग व वीटीआर प्रशासन बाघ के रेस्क्यू में लगा रहा। इस कारण भी जंगल सफारी वाले रास्ते को दुरुस्त नहीं किया जा सका। इधर 10 दिन पहले तक बारिश होती रही। इसके कारण जंगल से गुजरने वाली पहाड़ी नदियां उफान पर पहुंच गई । जिसके कारण रास्ते खराब हो गए थे। हालांकि युद्ध स्तर पर वन विभाग रास्तों को सही करने में लगातार जुटा हुआ है।

दर्जनों दुर्लभ प्रजाति के जानवरों का कर पाएंगे दीदार…


जंगल सफारी के क्रम में पर्यटकों को बाघों का दीदार रोमांच एवं कौतूहल पैदा करता है। हालांकि बगहा वाल्मीकि नगर मुख्य पथ पर सड़क के बीचों-बीच अक्सर बाघ दिख जाता है। इसके साथ ही तेंदुआ, बंदर, लंगूर ,हिरण, सांभर, भालू, गौर, जंगली कुत्ता, घड़ियाल, मगरमच्छ ,नीलगाय, मोर, पहाड़ी बुलबुल , पहाड़ी तोता सहित दर्जनों दुर्लभ प्रजाति के जीव यहां देखने को मिल जाएंगे।