आज नीतीश कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण एजेंडे में कुल 18 डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई है। यह सभी डॉक्टर अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में तैनात थे और लंबे अरसे से ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे। आखिरकार सरकार ने इन सब की सेवा समाप्त करते हुए बर्खास्तगी पर मुहर लगा दी है। वहीं नीतीश कैबिनेट ने 3 जिलों में आरओबी के निर्माण के लिए कुल 229 करोड़ से ज्यादा की राशि को स्वीकृति दी है। अलग-अलग जिलों में 3 लेवल क्रॉसिंग के बदले पहुंच पथ और आरओबी का निर्माण सरकार कराएगी।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से जुड़े अलग-अलग प्रस्तावों में कैबिनेट ने रेलवे के लिए औरंगाबाद में 2 भूखंडों को हैंड ओवर करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। इसके अलावा दरभंगा में नगर विकास एवं आवास विभाग के लिए भूमि हस्तांतरण के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई गई है। साथ ही साथ औरंगाबाद के रफीगंज अंचल में रेलवे के प्रोजेक्ट के लिए भी एक भूखंड को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगाई है। गया के बाराचट्टी में पावर ग्रिड की स्थापना के लिए बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को भूखंड स्थानांतरित किए जाने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है।
शिक्षा विभाग के अंतर्गत जिन प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है, उसमें राज्य के विश्वविद्यालयों और अन्य अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकों के प्रमोशन के लिए कैरियर एडवांसमेंट स्कीम 2018 के प्रारूप पर भी स्वीकृति दे दी गई है। इसके अलावा बी एन मंडल यूनिवर्सिटी मधेपुरा में 18 विषयों में स्नातकोत्तर विभागों की स्थापना के साथ-साथ पटना यूनिवर्सिटी में बायो टेक्नोलॉजी विभाग की स्थापना और पटना लॉ कॉलेज के लिए सहायक प्राध्यापक- सह प्राध्यापक के 148 पदों को सृजित करने के साथ-साथ 41 शिक्षकेतर कर्मियों के पद सृजन को भी मंजूरी कैबिनेट ने दे दी है।
सरकार ने एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव में राज्य के प्राथमिक मध्य और माध्यमिक के साथ-साथ उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए जनसहयोग से भूमि और भवन हासिल करने के साथ-साथ नामकरण की प्रक्रिया को स्वीकृति दी है। उद्योग विभाग के तहत अलग-अलग प्रस्तावों में कई प्रोजेक्ट को भी कैबिनेट ने क्लीयरेंस दिया है। इसमें मुजफ्फरपुर, वैशाली, बेगूसराय, किशनगंज में कई प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है।
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