बिहार विधानसभा में मंगलवार को देश का पहला जातिगत आर्थिक सर्वे पेश किया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में पिछड़ा वर्ग के 33.16%, सामान्य वर्ग में 25.09%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58%, SC के 42.93% और ST 42.7% गरीब परिवार हैं। सबसे ज्यादा गरीब यादव और भूमिहार हैं और सबसे संपन्न कायस्थ हैं।
आरक्षण का दायरा 50% से बढ़ाकर 75% करने की मांग
सीएम नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा के सदन में केंद्र से आरक्षण का दायरा 50% से बढ़ाकर 75% करने की मांग की है। नीतीश सरकार ने OBC और EBC वर्ग के लिए यह प्रस्ताव पेश किया है।
राज्य में 94 लाख गरीब परिवार
सीएम ने कहा कि राज्य में 94 लाख गरीब परिवार हैं। इन गरीब परिवार को 2 लाख रुपए राज्य सरकार की तरफ से मदद किया जाएगा। इसमें सभी जाति के गरीबों को मदद पहुंचाई जाएगी। जमीन खरीदने के लिए 1 लाख दिया जाएगा। इस पर 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को 5 साल में पूरा करेंगे। अगर विशेष राज्य क दर्जा मिल जाए तो 2 साल मे ही पूरा करेंगे।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर केंद्र से हम लोग मिले थे, तब उन्होंने मौखिक रूप से कह दिया गया कि आप अपने राज्य में करा लीजिए। इसके बाद निर्णय हुआ कि जनगणना केंद्र करेगा और हम लोग जातीय गणना करेंगे।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह से देश में जातीय जनगणना कराने की मांग की थी, लेकिन नहीं हुआ। कुछ लोग बोल रहे हैं कि इस जाति की आबादी बढ़ा दिया और जाति को घटा दिया। कैसे कोई ये बोलता है..जब देश में जातीय जनगणना हुआ ही नहीं है। ये पूरा बोगस बात लोग बोल रहे हैं। अगर किसी को दिक्कत है तो केंद्र जातीय जनगणना करा लें।
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