नीतीश कुमार ने योगी को लिखा लेटर, जेपी के गांव सिताब दियारा में यूपी क्षेत्र का काम 5 साल से अटकी हुई……

जेपी की जन्मभूमि सिताब दियारा बिहार और यूपी की सीमा के पास गंगा एवं घाघरा नदी के संगम पर बसी हुई है। इसका कुछ हिस्सा बिहार के सारण जिला में आता है, वहीं कुछ यूपी में पड़ता है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर लोक नायक जयप्रकाश नारायण की जन्मभूमि सिताब दियारा के उत्तर प्रदेश क्षेत्र के लंबित कार्यों को जल्द पूरे करने का अनुरोध किया है। सीएम नीतीश ने योगी आदित्यनाथ से कहा कि सिताब दियारा में रिंग डैम के यूपी क्षेत्र का काम पांच साल से अटका हुआ है। इसे जल्द पूरा कराया जाए ताकि लोगों को बाढ़ से राहत मिल सके। बता दें कि जेपी की जन्मभूमि सिताब दियारा बिहार और यूपी की सीमा के पास गंगा एवं घाघरा नदी के संगम पर बसी हुई है। इसका कुछ हिस्सा बिहार के सारण जिला में आता है, वहीं कुछ यूपी में पड़ता है।

नीतीश कुमार ने पत्र में लिखा कि बारिश के मौसम में गांव की भूमि के कटाव का खतरा बना रहता था और बीते सालों में कई बार यहां कटाव हुआ। इसके बाद बाढ़ से बचाने के लिए घाघरा नदी में एक रिंग बांध (लगभग 7.5 किमी की लंबाई में) बनाए जाने की जरूरत महसूस हुई। साल 2017-18 में बिहार के भू-भाग में लगभग 4 किलोमीटर और उत्तर प्रदेश के भू-भाग में लगभग 3.5 किलोमीटर लंबाई में रिंग बांध एवं अन्य कटाव निरोधक कार्य शुरू किया गया। साल 2017-18 में में बिहार सरकार ने अपने क्षेत्र में रिंग बांध एवं अन्य बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यो को पूरा कर लिया। मगर उत्तर प्रदेश क्षेत्र में कार्य लंबित है।

सीएम नीतीश कुमार ने योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में कहा कि हाजीपुर-गाजीपुर नेशनल हाईवे 31 से सिताब दियारा तक जाने वाले बीएसटी मुख्य बांध की लंबाई लगभग 6.50 किलोमीटर है, जिसमें लगभग 2-3 किलोमीटर की लंबाई में रोड के सुदृढ़ीकरण कार्य उत्तर प्रदेश राज्य के क्षेत्र में पूरे नहीं हुए। इससे स्थानीय लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो रही है।

नीतीश कुमार ने यह भी लिखा है कि सिताब दियारा रिंग बांध (बिहार प्रभाग) के अपस्ट्रीम ( लंबाई लगभग 1175 मी.) एवं डाउनस्ट्रीम (लंबाई लगभग 2300 मी.) को बीएसटी मुख्य बांध (बलिया उत्तर प्रदेश) से जोड़ने का काम यूपी सरकार ने चालू किया था। मगर अभी तक ये अधूरा है जिसे तुरंत पूरे किए जाने की जरुरत है। इसके अपूर्ण रहने से वहां कटाव एवं बाढ़ का खतरा बना रहता है।