फिर क्या हुआ जब शव-ए-बारात के सामूहिक फतिहा को पुलिस ने रोका ?

भागलपुर के हबीबपुर स्थित कब्रिस्तान में शब-ए-बारात के सामूहिक फतिहा के लिए लोग जुटे थे, लेकिन सामूहिक फतिहा से रोकने के लिए पुलिस पहुंची हीं थी कि कुछ असामाजिक तत्वों ने उनपर हमला कर दिया। पुलिस वालों को टारगेट कर असामाजिक तत्वों ने रोड़ेबाजी की और गोलियां चलाई। हालांकि इस घटना में काई हताहत नहीं हुआ लेकिन पथराव में होमगार्ड का एक जवान चोटिल हो गया।

घटना के बाद इलाके में फ्लैग मार्च

घटना की सूचना पाकर सिटी एसपी सुशांत कुमार सरोज समेत आसपास के आधा दर्जन थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। जिला शांति समिति और मुहर्रम कमेटी से जुड़े लोग भी मोमिन टोला पहुंचे। पुलिस ने इलाके में फ्लैग मार्च किया और लोगों को घरों में रहने की अपील की। मस्जिदों से भी इसका ऐलान किया गया। तब जाकर लोग माने और अपने घर गए।

पथराव व फायरिंग गलत

इमारत-ए- शरिया के अमीर-ए- शरीयत हजरत मौलाना वली रहमानी ने कहा कि अगर मुसलमानों ने पुलिस पर पथराव व फायरिंग की है तो यह गलत बात है। पुलिस और मुसलमानों को भी अपने दायरे में रहने की जरूरत है। पथराव और गोलीबारी को हर हाल में रोका जाना चाहिए। मौलाना वली रहमानी ने कहा कि कोरोना को लेकर सरकार ने जो गाइडलाइन दी है, उसमें कहा गया है कि अगर कोई प्रशासन या पुलिस के आदेश का उल्लंघन करता हो तो उसपर लाठी न बरसाए जाएं, जो अक्सर देखा जा रहा है।