बिहार की रैली में पीएम मोदी ने किया नेहरू को याद, लालू पर हमला, कहा- जमानत पर घूम रहे शहजादे के पिता

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के समय में कांग्रेस और इंडी गठबंधन वालों ने जो किया वो मैं कभी नहीं भूल सकता। दिल्ली और महाराष्ट्र में इंडी गठबंधन की सरकार थी। उस समय कांग्रेस की सरकार ने बिहार के नौजवान, बेटियों और बहनों को भगा दिया था।

पीएम ने कहा कि मोदी को मजबूती मिलेगी और मोदी मजबूती से और पांच साल सेवा करेगा। पहले मतदान फिर जलपान। आप मेरा एक काम करेंगे क्या? आप घर से जाकर कहना पीएम मोदी ने सबको अपना प्रणाम कहा है। पीएम मोदी ने भारत माता के जयकारे लगाकर अपना संबोधित समाप्त किया।

पीएम माेदी ने कहा कि हमें बिहार को लालटेन के दौर में वापस नहीं जाने देना है। दिल्ली वाले शहजादे एक नई बात लेकर आए हैं। हमारे परिवार में मां-बाप अपने बच्चों के लिए कुछ न कुछ बचाते हैं। एक घर बना दूं, गाड़ी और खेत खरीद कर दे दूं ताकि बच्चों काम आ जाएगा। हर मां-बाप की इच्छा होती है कि बच्चों को कुछ देकर जाए। यह कांग्रेस ऐसा कानून बनाना चाहती है कि आपके मां-बाप की संपत्ति आपको नहीं मिल पाएगी। आधा कांग्रेस की सरकार छीन लेगी। यह लोग 55 प्रतिशत टैक्स पर फतवा लेकर आए हैं। क्या आप अपनी कमाई किसी कांग्रेस और राजद वालों को लूटने देंगे क्या? इसलिए बच्चों का भविष्य बनाने के लिए सात मई को झंझारपुर में जदयू प्रत्याशी रामप्रीत मंडल, 13 मई को दरभंगा में भाजपा प्रत्याशी गोपाल जी ठाकुर, समस्तीपुर से लोजपा (रा.) की प्रत्यशी शांभवी चौधरी को वोट दीजिए। पूरे हिन्दुस्तान की सबसे छोटी उम्र की बेटी चुनाव लड़ रही है। आप सब आशीर्वाद दीजिए कि हमारी बेटी तो जीतनी ही चाहिए। 20 मई को मधुबनी में भाजपा के अशोक यादव को भारी संख्या में वोट दीजिए। आपका यह वोट मोदी के खाते में जाएगा।

पीएम मोदी ने कहा कि राजद का इतिहास सामाजिक न्याय का मुखौटा लगाकर तुष्टिकरण करने का रहा है। जब गोधरा में कार सेवकों को जिंदा जलाया गया था तब रेल मंत्री बिहार के शहजादे के पिता थे। जो सजा काट रहे हैं और जमानत पर घूम रहे हैं। उन्होंने गोधरा कांड के दोषियों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक जज एक कमेटी बनाई। सोनिया मैडम का राज था। इसलिए उन्होंने बनर्जी कमेटी बनाई। उस कमेटी ने ऐसा रिपोर्ट बनाया कि 60 लोगों को जिंदा जलाने वाले निर्दोष से छूट जाएं। लेकिन उस समय के रेल मंत्री की रिपोर्ट को अदालत ने कूड़े-कचरे में फेंक दिया। कोर्ट ने दोषियों को फांसी तक की सजा दी। पूरी दुनिया को पता था कि कार सेवकों को जिंदा जलाया गया था। फर्जी जांच रिपोर्ट बनाकर कार सेवकों पर ही दोष मढ़कर आरोपियों को बचाने की साजिश रची गई। यही इनका इतिहास है और यही इनकी सच्चाई है।