तेजस्वी यादव के आरोपों को बिहार पुलिस मुख्यालय ने सिरे से खारिज कर दिया है। आपको बता दें कि बुधवार को नेता प्रतिपक्ष ने राज्यपाल फागू चौहान से मिलकर बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद आज बिहार पुलिस मुख्यालय ने आंकड़ों के माध्यम से एक-एक करके तमाम आरोपों पर पुलिस का पक्ष रखा है। एडीजी हेड क्वार्टर और सीआईडी के एडीजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि बिहार में अपराध के ग्राफ में लगातार गिरावट आई है।
एडीजी ने बताया कि अपराध दर यानि हत्या के मामले में प्रति एक लाख जनसंख्या के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर 2017 में 2.7 के साथ नौवें स्थान पर था. वर्ष 2018 में 2.5 अपराध दर के साथ राज्य का स्थान 11 है. वर्ष 2019 से अप्रैल के दौरान घटित 947 कांड की तुलना में जनवरी से अप्रैल 2020 के दौरान 878 कांड प्रतिवेदित हुए हैं,इसमें लगभग 9 फ़ीसदी की कमी आई है .
पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में बिहार में बलात्कार के मामलों में कमी आई है. वर्ष 2018 में कुल 1475 कांड प्रतिवेदित हुए, जबकि 2019 में 1450 कांड दर्ज हुए हैं. वर्ष 2019 के जनवरी से अप्रैल के दौरान राज्य में रेप के 121 कांड प्रतिवेदन हुए हैं जबकि इसी अवधि में वर्ष 2020 के दौरान मात्र 86 कांड प्रतिवेदित हुए हैं यानी कि 29þ की कमी आई है.इस मामले में वर्ष 2020 के दौरान जनवरी में 37 और फरवरी में 35 यानि कुल 72 अभियुक्तों को न्यायालय द्वारा सजायाफ्ता किया गया है.
पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि वर्ष 2005 के दौरान फिरौती हेतु अपहरण के 251 कांड दर्ज हुए थे। जबकि वर्ष 2019 के दौरान सिर्फ 43 कांड दर्ज हुए हैं. 2020 के जनवरी से मार्च के दौरान फिरौती हेतु अपहरण के सभी 9 कांडों का उद्भेदन कर 9 अपहृतों की बरामदगी की गई है तथा 29 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है.
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