जेएनयू का पूर्व छात्र शरजील इमाम जो बिहार से गिरफ्तार किया गया था, उसकी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। शरजील की रिमांड तीन दिन के लिए और बढ़ा दी गयी है। पिछले पांच दिनों के दौरान हुई पूछताछ में वह क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को बरगला रहा था, लेकिन कई चौंकाने वाले खुलासे भी हुए हैं। पड़ताल में यह भी पता चला कि पॉपुलर फं्रट ऑफ इंडिया से जुड़े लोग शरजील के टच में थे। लेकिन उसका दावा है कि उसे इस बारे में कुछ भी पता नहीं है कि उसका रिश्ता पीएफआई से है।
रिमांड का समय तीन दिन और बढ़ा
क्राइम ब्रांच ने तीन दिन की रिमांड दौरान उसके करीबी 10-12 लोगों को नोटिस देकर जांच में शामिल होने को कहा जाएगा। इन सभी से बुधवार को पूछताछ हो सकती है। केंद्रीय जांच एजेंसियों की तफ्तीश में भीड़ को भड़काने और हिंसा फैलाने के लिए पीएफआई के देश भर में खुले 73 बैंक खाते में 120 करोड़ रुपये की रकम जमा होने की बात सामने आई है। इसलिए सीएए और एनआरसी के विरोध-प्रदर्शनों के दौरान हिंसा फैलाने में पीएफआई का भी हाथ बताया जा रहा है।
जामिया हिंसा में शरजील का हाथ
उसके लैपटॉप से 15 दिसंबर को जामिया और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी एरिया में हुए उपद्रव से पहले सीएए और एनआरसी के खिलाफ उर्दू और अंग्रेजी में एक विवादित पोस्टर बनाया गया था, जिसे सभी स्टूडेंट ग्रुप में डाला गया था। इसे पैंफ्लेट के रूप में आसपास के मस्जिदों में भी बांटा गया गया था। मोबाइल के सभी ग्रुपों को खंगाल रहा है और उनकी चैटिंग पढ़ी जा रही है। पुलिस का दावा है कि मोबाइल से डिलीट किए गए डेटा भी रिकवर कर लिए गए हैं।
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