ममता बनर्जी को अमित शाह की चुनौती, कहा- सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, बंगाल में सूरत बदलनी चाहिए

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार और ओडिशा के बाद आज पश्चिम बंगाल जन संवाद रैली को संबोधित किया। ये तमाम रैली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दिल्ली से ही की जा रही हैं. अपने भाषण में अमित शाह ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सीएए, राजनीतिक हिंसा और केंद्र की योजनाएं लागू न करने जैसे कई अहम मुद्दों पर घेरा. साथ ही अमित शाह ने ममता बनर्जी की सत्ता खिसकने का भी आह्वान किया. अपने भाषण के अंत शाह का शायराना अंदाज दिखा और एक कविता सुनाकर बंगाल में परिवर्तन का विश्वास जताया

मोदी सरकार -2 के पहला साल पूरा होने की उपलब्धियां लोगों तक पहुंचाई

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल में जन संवाद आभासी रैली के जरिए कार्यकर्ताओं और लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा होने की उपलब्धियां लोगों तक पहुंचाई। साथ ही सीएए, कोरोना संक्रमण और भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले को लेकर सीएम ममता बनर्जी पर जोरदार हमला भी बोला। यह रैली इसलिए भी अहम है क्योंकि अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इसे चुनाव अभियान का शंखनाद माना जा रहा है।

अपने रैली में अमित शाह ने कहीं बड़ी बातें

  • मैं करोड़ों बंगालवासियों से कहना चाहता हूं कि आपने कम्युनिस्ट और तृणमूल दोनों को आजमाया है। एक मौका भाजपा को दीजिए, हमारी पांच साल की सरकार के बाद बंगाल में भ्रष्टाचार, टोलबाजी, घुसपैठ, परिवारवाद, बेरोजगारी, आतंक और हिंसा समाप्त हो जाएगी।
  • 13वें वित्त आयोग में मनमोहन सरकार ने बंगाल को 1,32,783 करोड़ रुपये दिया था। नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014-19 तक 5 साल के अंदर 4,48,214 करोड़ रुपये बंगाल के विकास के लिए देने का काम किया। मैं पूछना चाहता हूं कि ये सारा पैसा कहां गया? सिंडिकेट ने सभी पैसों का उपभोग क्यों कर लिया? यदि हम चाहते हैं कि बंगाल में विकास आए तो हमें भाजपा को सत्ता में लाने की जरूरत है।
  • जिस बंगाल में रविंद्र संगीत की धुन सुनाई देती थी, वो बंगाल आज बम धमाकों से दहल रहा है। गोलियों की आवाज, हत्याओं और लोगों की चीखों से सुन्न रह गया है। कौमी दंगों से इसकी आत्मा को बहुत बड़ी क्षति पहुंची है। क्या बंगाल में राजनीतिक हिंसा नियमित हो जाएगी? अब ममता जी आप क्या करेंगी हम बंगाल के लोगों से आभासी रैली के जरिए बात कर रहे हैं।
  • ममता दीदी आपने जो ‘कोरोना एक्सप्रेस’ नाम दिया है, वह आपका निकास मार्ग बन जाएगा। आपने प्रवासी मजदूरों के घावों पर नमक डाला है। वे इसे नहीं भूलेंगे। यूपी को 1700, बिहार को 1500 रेलगाड़ियां मिलीं। मैं चकित था जब बंगाल आने वाली ट्रेनों को ममता दीदी ने ‘कोरोना एक्सप्रेस’ नाम दिया। हमने इनका नाम श्रमिक स्पेशल ट्रेन रखा है।
  • यूपीए ने 10 साल में एक बार 3.5 करोड़ किसानों का 60 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ किया, लेकिन आंकड़े कुछ और है। मोदी जी ने 9.5 करोड़ किसानों के बैंक अकाउंट में 72 हजार करोड़ रुपये पहुंचाने का काम किया है। साल हर किसान को 6 हजार रुपये पहुंचाया जा रहा है। उन्हें ऐसे मुद्दों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
  • हम गरीबों को आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य का खर्च देना चाहते हैं, लेकिन वो ये लागू नहीं होने दे रहीं। ममता दीदी, राजनीति की एक हद होती है और आप हमें कह रही हैं कि हम राजनीति कर रहे हैं।
  • मैं बंगाल की जनता को कहना चाहता हूं कि बंगाल सरकार यहां के गरीबों के अधिकार को रोककर बैठी है। हम किसानों को पैसा भेजना चाहते हैं, लेकिन उनकी सूची नहीं भेजती।
  • जब सीएए आया तो ममता जी का चेहरा गुस्से से लाल हो गया था। मैंने इतना गुस्सा कभी किसी पर नहीं देखा। ममता जी आप सीएए का विरोध कर रही हैं। आपको नामशूद्र और मतुआ समाज से क्या दिक्कत है। आपको सीएए का विरोध करना बहुत महंगा पड़ेगा। मतपेटी खुलने पर जनता आपको राजनीतिक शरणार्थी बनाने वाली है।
  • बंगाल में जब सत्ता बदलेगी तो शपथ के एक मिनट के अंदर आयुष्मान भारत योजना यहां लागू हो जाएगी। ममता जी, गरीबों के हक पर राजनीति करना बंंद कर दीजिए।
  • मैं बंगाल की जनता से कहना चाहता हूं कि भले ही भाजपा को देशभर से 303 सीटें मिली हैं, लेकिन मेरे जैसे कार्यकर्ता के लिए बंगाल की 18 सीटों पर मिली जीत अहम है।
  • राजनीति करने के कई मैदान होते हैं, आप तय कर लीजिए, दो-दो हाथ हो जाए।
  • आज इस मुश्किल वक्त में 51 करोड़ लोगों के बैंक खातों में करोड़ों रुपये डाले गए हैं।
  • जब भी जन संवाद का इतिहास लिखा जाएगा, इस आभासी रैली की पहल को जरूर जगह दी जाएगी।
  • हम उन दलों में से नहीं है जो दस-दस साल सत्ता पर बैठते हैं और शिकायत करते हैं। हम हिसाब-किताब देने में विश्वास रखते हैं।
  • ये छह साल देश में परिवर्तन वाले रहे। छह साल 130 करोड़ लोगों के जीवन में परिवर्तन वाले रहे। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है।
  • 2014 से बंगाल में 100 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं ने जान गंवाई है। जब भी बंगाल का इतिहास लिखा जाएगा आपके जिन परिजनों ने जान गंवाई है, उनका नाम स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा।
  • कोविड-19 और अम्फान में जान गंवाने वाले लोगों को मेरी श्रद्धांजलि।