लोकसभा स्पीकर की ओर विपक्षी सांसदों के पेपर उछाले पर अनुराग ठाकुर बोले- भारत को दुनियाभर में बदनाम कर रहा विपक्ष

पेगासस जासूसी कांड और कृषि कानूनों को लेकर लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस सांसदों ने जमकर हंगामा करने के साथ पीठासीन सभापति के आसन की ओर पेपर भी उछाले। सदन में विपक्ष के हंगामे पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों पर मर्यादा तोड़ने का आरोप लगाया।

अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘विपक्षी दल के सांसदों की ओर से कभी स्‍पीपर पर तो कभी मंत्रियों पर कागज फेंका जा रहा है। अब तो प्रेस गैलरी में भी कागज फेंके जा रहे हैं। जबकि प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। कांग्रेस और टीएमसी सांसदों ने आज भी संसद को चलने नहीं देने की कोशिश की।’

अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, विपक्ष चर्चाओं से क्यों भाग रहा है? उन्होंने कहा कि विपक्ष इस तरह के आपत्तिजनक कामों में क्यों शामिल है? क्या विपक्ष के पास चर्चा के लिए पर्याप्त मुद्दे नहीं हैं? क्या विपक्ष दुनिया भर में भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है? हम इस तरह की हरकतों की कड़ी निंदा करते हैं।

विपक्ष के नेताओं ने किया मार्च

आज विपक्ष के नेताओं ने मार्च किया और विजय चौक पर आकर पत्रकारों से बात की। वहीं ‘पेगासस प्रोजेक्ट’ रिपोर्ट पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों ने राज्‍यसभा में भी आज जमकर हंगामा किया. मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा में जो नजारा दिखा वह बाकी दिनों से कुछ अलग नहीं था। जासूसी कांड के विरोध में अपने अपने हाथों में तख्तियां लिए हुए ज्यादातर सांसद मोदी सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाजी करते दिखाई दिए। इस मुद्दे पर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्ष की कई पार्टियां एकजुट दिखाई दीं।

केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने भी कसा तंज

सबकी मांग है कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री या गृह मंत्री की उपस्थिति में संसद में चर्चा हो और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक जांच कमिटी गठित की जाए. केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने भी संसद की कार्यवाही नहीं चल पाने पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से अपना घर संभल नहीं रहा। आज भी अधिकांश विपक्ष के लोग चाहते हैं कि संसद चले, वाद-विवाद और चर्चा होनी चाहिए. लेकिन कांग्रेस अपने नकारात्मक फैसलों को विपक्ष पर थोपकर विपक्ष की अन्य पार्टियों की सकारात्मक सोच को भी बंधक बनाना चाहती है।