पटना में मुखिया प्रत्याशी और पुलिस में हिंसक झड़प, 50 राउंड फायरिंग, 20 वर्षीय युवक की मौत, छावनी में तब्दील हुआ गांव

शुक्रवार शाम धनरूआ प्रखंड के मोरियावां पंचायत के समीप शुक्रवार को चुनाव प्रचार के दौरान पुलिस और मुखिया प्रत्याशी सुरेंद्र साह समेत समर्थकों में हिंसक झड़प हो गई। स्थिति नियंत्रण करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इससे आक्रोशित  ग्रामीण पुलिस पर टूट पड़े। हालांकि ग्रामीणों के पथराव करने पर पुलिस जान बचाकर भाग खड़ी हुई। बाद में दलबल के साथ पुलिस गांव में कैंप करने गई तो गोलबंद ग्रामीण पुलिस से भिड़ गए। इसी बीच पथराव और फायरिंग शुरू हो गई। गोली लगने से जहां एक ग्रामीण की मौत हो गई, वहीं तीन अन्य ग्रामीण घायल हो गए। मृतक की पहचान 20 वर्षीय रंजीत कुमार के रूप में हुई है, तथा तीन लोग पीएमसीएच में इलाजरत हैं जो खतरे से बाहर हैं। पथराव में धनरुआ थानाध्यक्ष राजू कुमार का सिर फट गया, जबकि एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी जख्मी हो गए हैं। 

जिलाधिकारी ने घटना को अत्यंत दुखद बताया है तथा जांच टीम गठित कर दी गई है। जांचोपरांत दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पीड़ित परिवार की हर संभव मदद भी की जाएगी। जिलाधिकारी ने हर हाल में शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है तथा लोगों से भी सहयोग की अपील की है।

खबर है कि मसौढ़ी के थानेदार रंजीत रजक और सर्किल इंस्पेक्टर के भी गंभीर रूप से जख्मी होने की सूचना है। वहीं, घटना के बाद से कई थानों की पुलिस फोर्स गांव में कैंप कर रही है। जानकारी के मुताबिक पुलिस व ग्रामीणों के बीच करीब 50 राउंड से अधिक गोली चलने की खबर है। रंजीत कुमार पुलिस की गोली से मरा है, यह स्पष्ट नहीं हो सका है, जबकि ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस की गोली से ही युवक की मौत हुई और अन्य तीन ग्रामीण जख्मी हुए। वहीं पुलिस के आला अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। 

प्रचार वाहन रोकने को लेकर हुए विवाद ने तूल पकड़ा

दरअसल, विवाद शाम के साढ़े चार बजे से शुरू हुआ। पुलिस टीम शराब के खिलाफ छापेमारी करने जा रही थी। तभी मोरियामा गांव के समीप बीच सड़क पर निवर्तमान मुखिया( मुखिया प्रत्याशी) पंचायत के मुखिया प्रत्याशी सुरेंद्र साह द्वारा चुनाव प्रचार के समय की समाप्ति के उपरांत भी प्रचार किए जाने से प्रशासन द्वारा रोके जाने पर भी उल्लंघन किया जाता रहा।  धनरुआ थानेदार ने वाहन में लगे म्यूजिक सिस्टम से चिप्स निकाल लिया। यह देख सुरेंद्र का बेटा वहां आ धमका और थानेदार से उलझ गया। हंगामा होने लगा। हालांकि स्थानीय थाना की टीम के जाने पर काफी जमावड़ा पाया गया तथा लोगों ने टीम पर ही हमला कर दिया गया जिसमें पुलिस इंस्पेक्टर घायल हो गए तथा थाना प्रभारी को चोट आई है। स्थिति अनियंत्रित होती देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। यह देख सुरेंद्र के समर्थकों ने पथराव शुरू कर दिया जिसके बाद पुलिस को पीछे हटना पड़ा। हालात देखकर कई थानों की पुलिस दोबारा छह बजकर दस मिनट पर मोरियामा गांव फ्लैग मार्च करने पहुंची। आरोप है कि इसी बीच सुरेंद्र के समर्थकों ने चारों ओर से पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। कुछ लोग फायरिंग भी करने लगे। यह देख पुलिस ने भी गोली चलायी। गोलीबारी के दौरान चार लोग घायल हो गये। एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हुई, जिसके बाद इलाके में तनाव बढ़ गया। 

पंचायत चुनाव मतदान है 24 को

धनरुआ पंचायत में 24 अक्टूबर को मतदान होना है लेकिन इससे पहले मोरियामा पंचायत में बवाल हो गया। इस घटना को लेकर मोरियामा गांव में शांतिपूर्ण मतदान कराने की बड़ी चुनौती पुलिस और प्रशासन पर आ गई है।

छावनी में तब्दील हो गया मोरियामा गांव

पुलिस व ग्रामीणों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद धनरुआ पंचायत के मोरियामा गांव का माहौल पूरी तरह से अशांत हो गया। घटना की सूचना के बाद एसएसपी समेत पुलिस महकमे के आला अधिकारी व कई थानों की पुलिस फोर्स गांव में पहुंची। आरएएफ के जवानों को भी बुला लिया गया। इसके बाद पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया। पुलिस की हूटर बजाती गाड़ियों का शोर सुनकर लोग अपने-अपने घरों में दुबक गए।