बिहार की जनता जग चुगी है, हम लेकर रहेंगे विशेष राज्य का दर्जा – संजय सिसोदिया

दिनांक 20/12/21 को बोरिंग रोड स्थित जागो वहन प्रांगण में बिहार विशेष राज्य दर्जा अभियान समिति द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें समिति के अध्यक्ष श्री संजय सिसोदिया ने कहा कि बिहार अत्यंत पिछड़ा हुआ राज्य है। यहां के लोग पलायन कर दूसरे राज्यों में रिक्शा, ठेला, मजदूरी करने के लिए विवश एवं लाचार हैं। बिहार की आवाम जीविकोपार्जन के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर है। जहाँ उन्हें बेइज्जती सहन कर, मार खाकर, डरकर रहना पड़ता है। कारण जो कुछ खनिज संपदा थी बंटवारे में झारखंड में चली गई। एनडीए सरकार और तत्कालीन लालू जी की सरकार ने 2000 में बटवारा कर बिहार को भीख मांगने के लिए कटोरा पकड़वा दिया, यही नहीं बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया गया। इसके खिलाफ किसी नेता तक ने आवाज नहीं उठाई. जाति जनगणना के लिए सभी पार्टी के नेता दिल्ली पहुंच रहे हैं, लेकिन विशेष राज्य की दर्जा के लिए क्यों नहीं इकट्ठे होते हैं। लगता है यह लड़ाई जनता को खुद लड़नी पड़ेगी। विशेष राज्य दर्जा जनता लेकर रहेगी। हमारे पास क्या है?क्यों कोई उद्योग लगाएगा? न कच्चा माल है, ना सस्ता जल का रास्ता न टैक्स में छूट विशेष राज्य का दर्जा मिलने से टैक्स में छूट और सस्ता लेबर उपलब्ध हो सकेंगे। जिससे उद्योगपति आकर्षित होकर उद्योग लगाएंगे।

विशेष राज्य के दर्जे के लिए जो गाडगिल फार्मूला तय है:

1: अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा हो। नेपाल बिहार से 726 किलोमीटर सटा हुआ है।

2: आर्थिक स्थिति कमजोर हो। बिहार सबसे निचले पायदान पर है जहां 50,000 से भी कॉम प्रति व्यक्ति आय है कुछ जिलों में तो 10000 से भी नीचे प्रति व्यक्ति आय है।

3: पर्वतीय क्षेत्र बिहार में 119 पहाड़ी क्षेत्र है बिहार में सिर्फ बाद और सुखाड़ की मैदानी भूमि है अर्थात मरूभूमि है। 4 कम आबादी कम आबादी को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन और घनी आबादी वाले को जी जीविकोपार्जन के लिए क्यों नहीं।

संविधान में संशोधन हो सकता है तो गाडगिल फार्मूले में क्यों नहीं। बिहार की जनता जग चुकी है। हम विशेष राज्य का दर्जा लेकर रहेंगे कॉन्फ्रेंस में ममता पाडेय, अलोक आजाद,सुनील गुरु, बिहारी बाबु, किशोर कुणाल आदि लोग मौजूद रहे।